- वन्यजीव विशेषज्ञों ने पश्चिमी घाट में भारत की तीन उद्बिलाव प्रजातियों में से एक यूरेशियन उद्बिलाव (Eurasian otter :Lutra lutra ) को देखा है।
- दुर्भाग्यवश अल्प ज्ञात इस प्रजाति के बारे में पता तब चला जब तमिलनाडु के वलपराइ के वर्षो वनों में दुर्घटना मारी गई प्रजाति का आनुवंशिक विश्लेषण किया।
- हालांकि ऐतिहासिक तौर पर पश्चिमी घाट के क्षेत्रेंः कर्नाटक के कूर्ग तथा तमिलनाडु के नीलगिरी व पलानी पहाड़ी श्रृंखला में इसके मौजूद होने को रिकॉर्ड किया है परंतु पहली बार इसकी तस्वीर ली गई है और आनुवंशिक तौर पर इसकी उपस्थिति की पुष्टि हुई है।
- वैसे यूरेशियन ऊदबिलाव यूरोप, उत्तरी अफ्रीका व कई दक्षिण एशियाई देशों में पाई जाती है परंतु भारत में ऊदबिलाव की दो अन्य प्रजातियों चिकनी लेपित ( smooth-coated otters) या छोटे पंजे (small-clawed otters) वाले ऊदबिलाव की तुलना में उतना नहीं देखा जाता।
- भारतीय वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत संरक्षित होने के बावजूद खाल के लिए ऊदबिलाव का शिकार किया जाता है।
- आईयूसीएन इसे ‘लगभग संकटापन्न’ श्रेणी में रखा है।
(News source: The Hindu, Photo: Eurasian otter, Photo Credit: Wikimedia commons)