क्याः आयल बायर्स क्लब
कौनः भारत और चीन
क्योंः तेल खरीदने में सौदेबाजी
- भारत ने चीन के साथ तेल खरीदार देशों का एक क्लब (oil buyers club) बनाने पर चर्चा किया ताकि तेल निर्यातक देशों से अच्छी तरह सौदा कर सके।
- ज्ञातव्य है कि तेल के अंतरराष्ट्रीय मूल्यों के निर्धाारण में ओपेक देश महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- हाल में ओपेक देशों द्वारा तेल उत्पादन में कटौती करने से तेल के अंतरराष्ट्रीय मूल्य में भारी बढ़त देखी गई। वस्तुतः तेल मूल्य निर्धारण इन्हीं की नीतियों के फलस्वरू होता है।
- दूसरी ओर भारत, चीन, जापान जैसे देश इन देशों के तेल के सबसे बड़े आयातकों में शामिल हैं। इसके बावजूद ये ओपेक देशों से सौदेबाजी नहीं कर पाते। इसके विपरीत इन देशों को ‘एशिन प्रीमियम’ चुकाना होता है जो ओपेक देशों द्वारा एशियाई तेल खरीदारों पर आरोपित किया जाता है।
- एशियन प्रीमियम (Asian Premium) से तात्पर्य है कि ओपेक से तेल के एशियाई खरीदारों द्वारा यूरोपीय या उत्तरी अमेरिकी देशों की तुलना में अधिक मूल्य का भुगतान। भारत कई बार इसके प्रति चिंता व्यक्त कर चुका है।
- इसी के मद्देनजर भारत के पेट्रोलियम मंत्री श्री धमेंद्र प्रधान ने अप्रैल 2018 में नई दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल एनर्जी बैठक में तेल खरीदार देशों के संगठन ‘आयल बायर्स क्लब’ (Oil B) का प्रस्ताव किया था।
- इस क्लब के माध्यम से तेल के एशियाई खरीदार देश, विक्रेताओं से बेहतर सौदेबाजी करने के साथ-साथ अमेरिका से अत्यधिक तेल का आयात करने की योजना पर काम कर रहे हैं।
- ज्ञातव्य है कि भारत 86 प्रतिशत कच्चा तेल, 75 प्रतिशत प्राकृतिक गैस एवं 95 प्रतिशत एलपीजी ओपेक देशों से आयात करता है।