क्याः फ्लूक्वाड्री
किसलिएः इन्फ्लूएंजा टीका
किसनेः सनोफी
- सनोफी पास्त्युर ने फ्लूक्वाड्री नाम से इन्फ्लूएंजा का ऐसी टीका विकसित किया है जिसमें दो ए वारयस स्ट्रेन -H1N1 and H3N2, एवं दो बी वायरस स्ट्रेन-विक्टोरिया एवं यामागाता (Victoria and Yamagata) है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडियाा (डीसीजीआई) ने 18 से 64 वर्ष के वयस्कों के सक्रिय टीकाकरण के लिए इसे मई 2018 में अनुमति प्रदान की थी।
- सनोफी की क्वाड्रीवैलेंट इन्फ्लूएंजा टीका को यूएसएफडीए (यूएस खाद्य एवं औषधि प्रशासन) ने वर्ष 2013 में अनुमति दे थी। फिलहाल इसे विश्व के 26 देशों में लाइसेंस मिला हुआ है।
- ज्ञातव्य है कि इन्फ्लूएंजा की ट्रिवैलेंट टीका में दोनों ए सब-टाइप वारयस तथा एक बी सब-टाइप वायरस होता है किंतु क्वाड्रीवैलेंट, इन्फ्लूएंजा के खिलाफ क्वाड्रीवैलेंट अधिक सुरक्षा प्रदान करता है क्योंकि इसमें दोनों बी सब-टाइप वायरस निहित होता है।
-विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंजूरी दिए जाने से पहले इन्फ्लूएंजा के खिलाफ अधिकांश टीकाएं ट्रिवैलेंट हुआ करती थी और विकल्प के रूप में अलग से एक बी सब-टाइप वायरस स्ट्रेन टीका की अनुमति दी जाती थी। किंतु फरवरी 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहली बार क्वाड्रीवैलेंट टीका को आधिकारिक तौर पर अनुमति प्रदान की थी। - ज्ञातव्य है कि टीका में जब वायरस का प्रयोग किया जाता है तब उसे मार दिया जाता है ताकि वह खुद संक्रमण का कारक नहीं बन सके।
- एच1एन1 के दो स्ट्रेन हैं; कैलिफोर्निया एवं मिशिगन (California and Michigan) जो इन्फ्लूएंजा के लिए उत्तरदायी हैं। भारत में आरंभ में मिशिगन स्ट्रेन सर्कुलेशन में था जिसका स्थान बाद में कैलिफोर्निया ने लिया। वर्ष 2018 के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत सहित दक्षिणी गोलार्द्ध के लिए मिशिगन स्ट्रेन वाली टीका की संस्तुति दी है।
- समन्वित रोग निगरानी परियोजना (Integrated Disease Surveillance Project: IDSP)) डेटा के अनुसार वर्ष 2011 से अब तक भारत में एच1एन1 के 97,000 मामले सामने आ चुके हैं और 71,00 लोगों की मौत हो चुकी है।