क्याः विंडमिल तितली व साइरन तितली की खोज
कहांः अरुणाचल प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में
किसनेः अर्जुन बासु रॉय व डैविड राजू
- शोधकर्त्ताओं ने भारत में दशकों से अदृश्य रही दो तितली प्रजातियों को अरुणाचल प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश में खोजा है।
- अर्जुन बासु रॉय ने अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में काला विंडमिल तितली यानी ब्यासा क्रैसीपेस (black windmill butterfly-Byasa crassipes) ) नामक तितली की खोज की। अब तक इस तितली का उल्लेख दो बार किया गया है; 1913 की लेपिडोप्टेरा इंडिका में (जो कि ईस्ट इंडिया कंपनी के फ्रेडरिक मूर द्वारा भारत में तितलियों पर पुस्तक का नाम है) और 1939 में जॉर्ज टालबोट द्वारा ‘द फौना ऑफ ब्रिटिश इंडिया’ में।
- दूसरी तितली दुर्लभ ‘साइरन तितली’ यानी हेस्टिना नाइसेविलेई (siren butterfly-Hestina nicevillei) को डैविड राजू द्वारा हिमाचल प्रदेश के दरांगघाटी वन्य जीव अभ्यारण्य में कैमरे में कैद किया गया। 1917 के पश्चात पहली बार इस तितली को कैमरे में कैद किया गया है।
- इन दोनों तितलियों की सुरक्षा हेतु खोज की वास्तविक जगहों को छिपाकर रखा गया है।