प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैन्युल मैक्रॉन ने संयुक्त रूप से 11 मार्च, 2018 को राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के स्थापना सम्मेलन का सह-अध्यक्षता किया।
- एक दिवसीय इस बैठक में वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा की जरूरत के लिए एक खरब डॉलर (एक ट्रिलियन डॉलर) की राशि जुटाने पर चर्चा हुयी।
- फ्रांसीसी राष्ट्रपति के अलावा सम्मेलन में 21 राष्ट्राध्यक्ष, छह उपराष्ट्रपतियों व उप-प्रधानमंत्रियों, प्रतिनिधि के रूप में 19 मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
- सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कार्रवाई के 10 बिंदुओं की भी घोषणा की। साथ ही उन्होंने भारत द्वारा वर्ष 2022 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 175 गीगावाट विद्युत सृजन का लक्ष्य से भी प्रतिनिधियों को अवगत करवाया जिसमें से 100 गीगावाट बिजली सौर उर्जा से होगी। इसमे से 20 गीगावाट installed solar power का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
- भारत ने 1-4 अरब डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट उपलब्ध कराने की घोषणा की है जिससे 15 देशों में 27 परियोजनाओं का क्रियान्वयन किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री ने सोलर क्रांति को बढ़ावा देने वाली अफ्रीकी सौर इंजीनियर्स ‘सोलर मामाज’ (Solar MAMAS) का भी उल्लेख किया।
- प्रधानमंत्री ने ‘सौर प्रौद्योगिकी मिशन’ (Solar Technology Mission) शुरु करने की भी घोषणा की जिसका फोकस अंतरराष्ट्रीय होगा। यह सरकारी, तकनीकी तथा शैक्षणिक संस्थानों को साथ मिलाकर सौर क्षेत्र में अनुसंधान व विकास का नेतृत्व करेगा।
- फ्रांसीसी राष्ट्रपति के अनुसार वर्ष 2030 तक एक टेरावाट सौर ऊर्जा की प्राप्ति हेतु एक ट्रिलियन डॉलर की जरूरत होगी जिसके लिए सभी पक्षों को निवेश करना होगा व विनियामकीय बाधाओं को दूर करना होगा।
- दिल्ली सोलर एजेंडाः सम्मेलन के दौरान दिल्ली सोलर एजेंडा जारी किया गया। इस एजेंडा में राष्ट्रीय ऊर्जा उत्पादन में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने व संयुक्त शोध व विकास पर बल देने का आह्वान किया गया है।
क्या है अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन
- सदस्य देशों के बीच सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने हेतु 30 नवंबर, 2015 को पेरिस घोषणापत्र के माध्यम से ‘अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन’ (International Solar Alliance-IDA) गठित किया।
- इसका मुख्य उद्देश्य वर्ष 2030 तक वैश्विक स्तर पर 1000 गीगावाट का सौर ऊर्जा सृजन तथा इसमें 100 अरब डॉलर का निवेश है।
- 15 सदस्यों की अभिपुष्टि के पश्चात अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन फ्रेमवर्क (ISA Framework Agreement) 6 दिसंबर, 2017 को लागू हो गया। इससे यह विधिवत रूप से एक अंतरराष्ट्रीय संगठन हो गया।
- अब तक 61 देशों ने इसके फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर कर दिये हैं तथा 32 देशों ने इसकी अभिपुष्टि कर दी है।
- अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का मुख्यालय गुरुग्राम (हरियाणा, भारत) में है।