प्रथम तारों का संकेत प्राप्त करने के क्रम में ‘डार्क मैटर’ के प्रमाण

  • जर्नल नेचर में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रो. जड बॉमन के नेतृत्व में खगोलविदों की एक टीम ने रेडियो तरंगों के माध्यम से बिग बैंग के तुरंत पश्चात निर्मित प्रथम तारों का संकेत प्राप्त करने के क्रम में ‘डार्क मैटर’ के प्रमाण प्राप्त कर लिये।
  • दरअसल शोधकर्त्ताओं ने ब्रह्मांड के प्रथम तारों, जिनका जन्म बिग बैंग के पश्चात हुआ, से पहली बार किसी संकेत को प्राप्त किया है। यह खोज डार्क मैटर की मौजूदगी की दिशा में पहला प्रत्यक्ष प्रमाण है। यह इस बात की पुष्टि करता है कि डार्क मैटर मौजूद हैं और यह निम्न द्रव्यमान वाले कणों से बना है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी होनी है।
  • शोध के लेखक तेल अवीव यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रेनेन बार्काना के अनुसार यह संकेत प्रारंभिक ब्रह्मांड में सामान्य पदार्थ और डार्क मैटर के बीच परस्पर संपर्क का प्रमाण है। उनका कहना है कि यह प्रमाण स्टैंडर्ड मॉडल से परे भौतिकी की पहली झलक प्रदान करता है।
  • एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के पृथ्वी और अंतरिक्ष अन्वेषण स्कूल के अनुसार, बिग बैंग के लगभग 400,000 साल बाद, ब्रह्मांड अंधेरा था। यह मुख्यतः हाइड्रोजन से भरा था। तब गुरुत्वाकर्षण ने धीरे-धीरे गैस के घने क्षेत्रों को साथ लाकर तारों का निर्माण किया। अध्ययन में जो सिग्नल प्राप्त हुआ है वह मूलभूत हाइड्रोजन से आया था।
  • शोधकर्ताओं के जिन प्रथम तारों के संकेत प्राप्त हुये हैं उनका निर्माण 13.6 अरब साल पहले हुआ था जो कि बिग बैंग के पश्चात ब्रह्माण्ड को जन्म देने के महज 180 मिलियन वर्ष बाद काा है। इन संकेतों को ऑस्ट्रेलियाई रेगिस्तान में स्थित रेडियो स्पेक्ट्रोमीटर EDGES द्वारा प्राप्त किया गया।
  • वर्ष 2015 में ग्रैविटेशनल वेव्स की प्राप्ति बाद की सबसे बड़ी खोज इसे माना जा रहा है।
  • यह एक बड़ी सफलता क्यों हैः वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी, सूर्य व अन्य तारों के बनाने वाले रासायनिक तत्वों के बारे में हमें जानकारी हैं लेकिन ब्रह्मांड में अधिकांश मामले अदृश्य हैं और जिन्हें ‘डार्क मैटर’ कहा जाता है।
  • इसकेे अस्तित्व को मजबूत गुरुत्वाकर्षण से अनुमान लगाया गया है, लेकिन हमें यह नहीं पता है कि यह किस प्रकार का पदार्थ है। इसलिए, यह भौतिक विज्ञान में सबसे बड़ा रहस्यों में से एक बना हुआ है। इसे हल करने के लिए खगोलविदों को समय के पहले यात्रा करना पड़ता है। चूंकि प्रकाश को हम तक पहुंचने में समय लगता है इसलिए खगोलविद् उन संकेतों को देख सकते हें। हम जो सूर्य देखते हैं यह आठ मिनट पहले का होता है क्योंकि सूर्य के प्रकाश को हम तक पहुंचने में आठ मिनट का समय लगता है। जबकि ब्रह्मांड में बेहद दूर के पहले के तारें हमें पृथ्वी पर अब दिखाई दे रहे हैं क्योंकि वे अतीत में अरबों वर्ष पहले थे।
  • उम्मीद की जा रही है कि इस खोज से डार्क मैटर पर प्रकाश डाला जाएगा जो कि अदृश्य, रहस्यमय पदार्थ है और जो ब्रह्मांड में 85% है।
  • स्टैंडर्ड मॉडल और डार्क पदार्थः डार्क मैटर दूरबीन के लिए अदृश्य है, और ब्रह्मांड में अन्य वस्तुओं पर अपने गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के माध्यम से इसे पहचाना जाता है। हालांकि, इसके अस्तित्व को भौतिकी के मानक मॉडल द्वारा समझाया नहीं गया है। मानक मॉडल मौलिक कणों का मुख्यधारा सिद्धांत है जो उन मैटर्स को बनाते हैं जो उन्हें नियंत्रित करते हैं।



Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *