- मिराई व रिपर के पश्चात भारत के साइबर जगत पर एक नया मालवेयर का खतरा उत्पन्न हो गया है। इस नये खतरे का नाम है ‘सपोशी’ (Saposhi)।
- यह मालवेयर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अपने कब्जे में लेकर ‘बॉट्स’ (Bots) में बदल सकता है और बाद में इसका उपयोग किसी उद्देश्य के लिए किया जा सकता है जिसमें ‘सेवाओं की वितरित अवहेलना’ (Distributed Denial of Service-DDoS) हमला भी शामिल है। यह संपूर्ण उद्योग को हानि पहुंचा सकता है।
- प्रभाव डालने के मामले में यह रिपर के ही समान है जिसने प्रतिदिन 10,000 उपकरणों की दर से लगभग लाखों उपकरणों को अपनी चपेट में ले लिया था।
- अक्टूबर 2017 में साइबर हमलों से निपटने वाला केंद्रीय निकाय ‘कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम’ (सीईआरटी) ने रिपर के बारे में चेतावनी भी जारी किया था।
- सपोशी, रिपर (Reaper) व मिराई (Mirai) जैसे मालवेयर प्राथमिक रूप से डीडीओएस हमले को लक्षित होते हैं।
- डीडीओएस हमलाः इसमें सबसे पहले मालवेयर द्वारा बॉट्स का नेटवर्क सृजित किया जाता है, जिसे बॉटनेट (Botnet)कहते हैं, और फिर उस बॉटनेट को उसी समय एकल सर्वर को पिंग करने के लिए उपयोग करता है। चूंकि पिंग की संख्या सर्वर की क्षमता से कहीं अधिक होती है, इस वजह से सर्वर ध्वस्त हो जाता है और इसके उपभोक्ताओं को सेवा देने से मना कर देता है।
- जुलाई 2016 में महाराष्ट्र के कई छोटे व मध्यम इंटरनेट सेवा प्रदाता इसके शिकार हुये थे।