क्याः राष्ट्रपति की सियाचिन यात्रा
कबः 10 मई, 2018
क्योंः सैनिकों को यह संदेश देना कि कि भारत के सभी नागरिक और भारत सरकार सदैव उनके तथा उनके परिजनों साथ हैं।
- राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 10 मई 2018 सियाचिन बेस कैम्प की यात्रा की तथा वहां तैनात जवानों को संबोधित किया।
- राष्ट्रपति कोविंद सियाचिन की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय राष्ट्रपति हैं। पिछली सियाचिन यात्रा अप्रैल 2004 में राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने की थी।
- इस प्रकार राष्ट्रपति कोविंद 14 वर्षों के बाद सियाचिन की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्रपति हैं।
- सियाचिन विश्व का सबसे ऊंचा युद्ध क्षेत्र है और विषम जलवायु में सामान्य जीवन जीना मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में, सैनिकों के निरंतर लामबंद रहने और युद्ध के लिए तैयार रहना असाधारण बात है। उनका संकल्प और समर्पण अत्यधिक प्रशंसा के लायक है और भारत की सुरक्षा के प्रति उनकी निष्ठा हमारे नागरिकों के लिए एक आदर्श है।
- राष्ट्रपति ने सियाचिन युद्ध स्मारक को श्रद्धांजलि दी। यह स्मारक सियाचिन में वीरगति को प्राप्त 11,000 सैन्यकर्मियों का प्रतीक है जिन्होंने 13 अप्रैल 1984 को भारतीय सेना द्वारा प्रारंभ किए गए ऑपरेशन मेघदूत के बाद अपने प्राणों का बलिदान दिया है।
ऑरेशन मेघदूत के बारे में
- ज्ञातव्य है कि भारतीय सेना ने 13 अप्रैल, 1984 को ऑपरेशन मेघदूत चलाकर साल्तोरो रिज नामक सामरिक ऊंचाई को अपने नियंत्रण में ले लिया था जहां से नुब्रा घाटी पर नजर रखी जा सकती थी। ले. जनरल संजय कुलकर्णी प्रथम व्यक्ति थे जिसने 13 अप्रैल, 1984 को ‘बिलाफॉण्ड ला’ दर्रा तक पहुंचे थे।