- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में 8 मार्च, 2018 को राजस्थान के झुंझुनू में राष्ट्रीय पोषण मिशन का शुभारंभ किया
- वर्ष 2017-18 से शुरू राष्ट्रीय पोषण मिशन (एनएनएम) का गठन 9046.17 करोड़ रुपये के 3 साल के बजट से किया गया है।
- राष्ट्रीय पोषण मिशन देश में पोषण के स्तर को युद्धस्तर पर बढ़ाने का एक समग्र प्रस्ताव है। इसमें कुपोषण को दूर करने में योगदान कर रही विभिन्न योजनाएं शामिल होंगी, जिसमें आईसीटी आधारित वास्तविक समय निगरानी व्यवस्था, लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को प्रोत्साहित करना, आईटी आधारित संसाधनों का इस्तेमाल करने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करना, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए रजिस्टरों को हटाना, आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों की लंबाई मापने की शुरूआत करना, सामाजिक परीक्षण और पोषण संसाधन केंद्रों की स्थापना शामिल हैं।
- विभिन्न गतिविधियों के जरिए पोषण में जन आंदोलन द्वारा बड़े स्तर पर लोगों को जोड़ा जाएगा।
- मिशन का लक्ष्य: राष्ट्रीय पोषण मिशन का लक्ष्य बच्चों के बौनापन, आवश्यकता से कम पोषण, खून की कमी और जन्म के वक्त बच्चों के कम वजन को क्रमश: 2 फीसदी, 2 फीसदी, 3 फीसदी और 2 फीसदी तक कम करना है।
- यद्यपि बौनापन को सलाना कम से कम 2 फीसदी कम करने का लक्ष्य है, लेकिन मिशन के तहत 2022 तक बौनापन को 38.4 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी तक लाना है।
- इस कार्यक्रम से 10 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। इस कार्यक्रम में सभी राज्यों और जिलों को चरणबद्ध तरीके से यानि 2017-18 में 315 जिलों, 2018-19 में 235 जिलों और 2019-20 में शेष जिलों को शामिल किया जाएगा।