क्याः ब्लू फ्लैग प्रमाणन
किसेः चंद्रभागा तट
कहांः ओडिशा
- ओडिशा के कोणार्क तट पर स्थित चंद्रभागा तट देश का पहला समुद्र तट (beach) है जिसे ‘ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन’ प्राप्त हुआ है।
- यह प्रमाणपत्र वैसे समुद्री तटों को प्रदान किया जाता है जो पर्यावरणानुकूल हो, साफ हो और पर्यटकों के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों वाला हो।
- केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय के अधीन ‘समन्वित तटीय प्रबंधन समाज’ यानी एसआईसीएम (Society for Integrated Coastal Management: SICOM) देश के 13 समुद्री तटों को भी ब्लू फ्रलैग मानकों के तहत ब्लू फ्रलैग प्रमाणन हेतु विकसित कर रही है।
- इनमें से एक को प्रमाणपत्र दिया जा चुका है।
- देश के जिन अन्य 12 समुद्री तटों को इस हेतु विकसित किया जा रहा है, वे निम्नलिखित हैं;
- शिवराजपुर (द्वारका)-गुजरात
- घोघला-दीव
- भोगवे (सिंधुदुर्ग)-महाराष्ट्र
- मिरामार-पंजिम, गोवा
- पडुबिदरी, उडुपी-कर्नाटक
- कापड, कोझिकोड-केरल
- एमीराल्ड, करैकल-पुदुच्चेरी
- महाबलीपुरम, तमिलनाडु
- रूशिकोंडा-विशाखापट्टनम
- तेजपुर, पूर्वी मिदनापुर-पश्चिम बंगाल
- राधानगर, हैवलॉक-अंडमान-निकोबार
- बंगाराम-लक्षद्वीप
- ब्लू फ्लैग प्रमाण हासिल करने के लिए समुद्री तट को 33 पर्यावरण व पर्यटन संबंधित स्थितियों का अनुपालन करना जरूरत है। इनमें प्लास्टिक मुक्त के साथ-साथ अपशिष्ट प्रबंधन से युक्त शामिल हैं। पानी स्वच्छ होना चाहिए। उस समुद्री तट के आसपास पर्यावरणीय प्रभाव आकलन अध्ययन की व्यवस्था भी होनी चाहिए।
- ब्लू फ्लैग मानक की स्थापना कोपेनहेगेन स्थित ‘फाउंडेशन फॉर एनवायर्नमेंटल एजुकेशन’ (Foundation for Environmental Education: FEE) द्वारा 1985 में की गई थी।
- केंद्रीय पर्यावरण मंत्रलय ने दिसंबर 2017 में ब्लू फ्रलैग परियोजना आरंभ किया था।