क्या: क्लाउड-सक्षम नये राष्ट्रीय डेटा सेंटर
कहाँ: भुवनेश्वर
कब: 28 मई, 2018
- केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री श्री रवि शंकर प्रसाद ने 28 मई, 2018 को भुवनेश्वर में क्लाउड-सक्षम नये राष्ट्रीय डेटा सेंटर का लोकार्पण किया
- दिल्ली, हैदराबाद और पुणे के बाद भुवनेश्वर अब राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) का चौथा राष्ट्रीय डेटा सेंटर बन गया है।
- इस क्लाउड-सक्षम नये राष्ट्रीय डेटा सेंटर का लक्ष्य केन्द्र और राज्य सरकारों के विभिन्न ई-गवर्नेंस एप्लिकेशन्स के लिए सुरक्षित होस्टिंग के साथ चौबीसों घंटे अपनी सेवाएं मुहैया कराना है। यह डेटा सेंटर 35,000 वर्चुअल सर्वरों का परिचालन सुचारू रूप से जारी रखने में सक्षम है।
- श्री प्रसाद के मुताबिक डेटा सेंटर की विशेष अहमियत होती है, क्योंकि डेटा की सुरक्षा अत्यंत जरूरी है और आईटी संबंधी परितंत्र में डेटा सेंटर किसी भी राज्य अथवा स्थान की डिजिटल क्षमता को बढ़ा देता है और इसके साथ ही उसकी वैश्विक पैठ को मजबूत कर देता है।
- एनआईसी द्वारा माईगव, ईवे-बिल, सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली और ई-हॉस्पिटल्स सहित विभिन्न सरकारी एप्स को होस्ट किये जाने को देखते हुए कम्प्यूटिंग और स्टोरेज की मांग कई गुना बढ़ गई है।
- क्लाउड-सक्षम राष्ट्रीय डेटा सेंटर अनेक तरह के लाभ प्रदान करने में समर्थ होगा, जिनमें ‘मांग पर’ आईसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) बुनियादी ढांचागत सुविधाओं तक पहुंच सुलभ कराना भी शामिल है।
- पारम्परिक मॉडल में विभिन्न विभागों को परियोजना की शुरुआत में ही बुनियादी ढांचे के लिए बजट का प्रावधान करने के साथ-साथ इसे हासिल करना होता है, जिससे या तो बुनियादी ढांचे का आवश्यकता से अधिक प्रावधान करना होता है अथवा आवश्यकताओं में कमी करनी होती है। वहीं, दूसरी ओर एनआईसी की क्लाउड सर्विस के तहत विभिन्न विभाग ‘मांग पर’ बुनियादी ढांचे के लिए प्रावधान कर सकेंगे और कम्प्यूटिंग क्षमता बढ़ा सकेंगे।
भुवनेश्वर स्थित नेशनल क्लाउड सर्विसेज से निम्नलिखित लाभ होंगे :
- एप्लिकेशन्स की आसान उपलब्धता और उनकी त्वरित तैनाती सुनिश्चित करने के लिए मांग पर आईसीटी बुनियादी ढांचे तक पहुंच संभव हो सकेगी।
- व्यापक आर्थिक स्तर हासिल करने के लिए आईसीटी बुनियादी ढांचे को साझा करने हेतु सेवा उन्मुख दृष्टिकोण।
- कंप्यूटिंग संसाधनों को साझा करने के लिए किफायती, सेवा उन्मुख दृष्टिकोण।