क्याः वाटर स्ट्राइडर की नई प्रजातियां
कहांः नगालैंड
कौनः जूलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया
- नगालैंड में पेरेन जिले के इंतांकी नदी में वाटर स्ट्राइडर की एक नई प्रजाति की खोज की गई है।
- इसकी खोज जूलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों द्वारा की गई है।
- नई खोजी गई प्रजाति का नाम है; तिलोमेरा नागालैंडा जेहमलार और चंद्रा (Ptilomera nagalanda Jehamalar and Chandra)।
- विशेषताएंः नारंगी रंग की इस प्रजाति के पृष्ठ भाग पर काली धारियां हैं और पीले पीले भूरे रंग के उदर है। इसके लंबे पतले पैर हैं और लगभग 11.79 मिमी की है।
- पृष्ठ भाग पर काली धारियों की उपस्थिति इस प्रजाति को वाटर स्ट्राइडर की अन्य ज्ञात प्रजातियों से इसे अलग करती है।
क्या है वाटर स्ट्राइडर?
- यह पानी की सतह पर अनुकूलित कीड़े कों एक समूह हैं, जो जो जल के पृष्ठ तनाव का फायदा उठाती है।
- वर्तमान में भारत में विभिन्न जल निकायों में वाटर स्ट्राइडर की 100 प्रजातियां पायी जाती हैं।
- लेकिन वाटर स्ट्राइडर की उप-प्रजाति तिलोमेरा की भारत में केवल पांच प्रजातियां ही मिली हैं। ये निम्नलिखित हैं_
- ये पांच प्रजातियां हैंः
- तिलोमेरा एग्रीओड्स (प्रायद्वीपीय भारत में),- (Ptilomera agriodes)
- तिलोमेरा एडमांसीसिस (पूर्वाेत्तर भारत में)-(Ptilomera assamensis)
- तिलोमेरा लेटीक्यूडाटा, (उत्तरी और पूर्वाेत्तर भारत)-(Ptilomera laticaudata)
- तिलोमेरा ओक्सिरडेंटालिस (उत्तराखंड) -(Pltilomera occidentalis)
- तिलोमेरा टिग्रीना (अंडमान द्वीप)-(Ptilomera tigrina)
- वाटर स्ट्राइडर पानी की गुणवत्ता के अच्छे संकेतक हैं, मच्छरों के लार्वा का शिकार कर वे ऽाद्य श्रृंऽला में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।