चंद्रमा का निर्माण ‘सिनेस्टिया’ नामक वाष्प पिंड से होने का दावा

  • अब तक, हम सभी जानते हैं कि धरती और कुछ और चीजों के बीच टकराव के बाद जो सामग्रियां अंतरिक्ष में फैली उसी से पृथ्वी का एकमात्र चंद्रमा का निर्माण हुआ। लेकिन हाल में हावर्ड के एक स्नातक द्वारा प्रकाशित एक शोध पत्र के माध्यम से दावा किया गया है कि चंद्रमा का निर्माण किसी पिंड के टकराव से नहीं वरन् ‘सिंनेस्टिया’ (Synestia) नामक एक वाष्पीकृत ग्रह के रिंग से हुआ है।
  • इन शोधकर्त्ताओं का दावा है कि सिनेस्टिया डोनट आकार का तेजी से घूमता चट्टानों व धूल युक्त बादल है और जो चट्टानी ग्रहों के निर्माणा का हिस्सा बन सकता है।
  • हार्वर्ड के ग्रेजुएट छात्र साइमन लॉक और यूसी डेविस प्लैनेटरी के वैज्ञानिक सारा स्टीवर्ट के अनुसार, ‘किसी सिनेस्टिया का निर्माण तब होता है जब प्रोटोप्लनेटरी डिस्क डिस्प्ले के भीतर दो ग्रह-आकार के पदार्थ टकराते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पिघला हुआ कोर के चारों ओर टोरस के आकार का गर्म धूल और तरल युक्त बादल घूमता है। बाद में यह खुद अपनी ही गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण वापस आता है और ग्रह का निर्माण करता है।
  • शोधकर्त्ताओं के अनुसार इस प्रकार पृथ्वी के सिनेस्टिया के भीतर ही चंद्रमा का निर्माण हुआ न कि आज से 4.5 अरब साल पहले मंगल ग्रह के आकार के बराबर का ‘थिआया’ पिंड के टकराव से इसका निर्माण हुआ।

कैसे हुआ पृथ्वी के चंद्रमा का निर्माण?

  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अनुसार, ‘मंगल ग्रह के आकार का एक आकाशीय पिंड से धरती की टकराहट के पश्चात के अवशेषों से चंद्रमा का निर्माण हुआ। पृथ्वी के साथ टकरानेे वाले मंगल ग्रह के आकार वाले इस पिंड को ‘थिया’(Theia) के नाम से जाना जाता है।

चंद्रमा के बारे में मूल तथ्य

  • पृथ्वी से दूरीः लगभग 239,000 मील
  • चंद्र वर्ष (पृथ्वी की कक्षा का एक चक्कर लगाने में लगा समय):लगभग 27 पृथ्वी दिवस
  • चंद्र दिवसः लगभग 27 पृथ्वी दिवस
  • न्यूनतम तापमानः -387 डिग्री फारेनहाइट
  • अधिकतम तापमानः 253 डिग्री फारेनहाइट




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