- कृष्णा कुमारी कोहली पाकिस्तानी संसद के उच्च सदन के लिए चुनीं गई हैं।
- वे सिंध प्रांत की अल्पसंख्यक सीट से पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की टिकट पर चुनाव जीती हैं।
- इस प्रकार वे मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में पहली हिंदूू दलित महिला सीनेटर बन बन गई हैं।
- कृष्णा सिंध प्रांत के थार जिले के नागरपारकर गांव की रहने वाली हैं।
- वैसे पाकिस्तानी सीनेट के लिए चुनीं जाने वाली वे महिला हिंदू नहीं हैं। उनसे पहले पीपीपी की रत्ना भगवानदास चावला पहली हिंदूू महिला सीनेटर चुनी गई थीं।
- सिंध प्रांत के थार जिले के नागरपारकर गांव की रहने वाली कोहली का जन्म जुगनु कोहली नामक गरीब किसान के घर 1979 में हुआ था। जब वह ग्रेड-3 की छात्रा थीं तब उसे और उसके परिवार को उमरकोट जिला के कुनरी के भूस्वामी ने बंधक बना लिया था और इस तरह निजी जेल में रही।
- जब वह नौवीं ग्रेड में थी तब 16 साल की उम्र में लालचंद से उनकी शादी हुयी। हालांकि इसके बावजूद श्रीमती कोहली ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी और वर्ष 2013 में सिंध विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में मास्टर की डिग्री प्राप्त की।
- वह स्वतंत्रता सेनानी रूपलो कोलही के परिवार से आती हैं। रूपलो ने 1857 के विद्रोह के समय ब्रिटिश सेना के खिलाफ सिंध में लड़ाई लड़ी थी। अंग्रेजों ने उन्हें गिरफ्तार कर 22 अगस्त 1858 को फांसी पर चढ़ा दिया था।
- वह थार व अन्य जगहों पर वंचित वर्ग के लोगों के लिए काम करती रही हैं।