क्याः लिंगायत अलग धर्म
किसनेः कर्नाटक सरकार
कबः 19 मार्च, 2018
- सिद्दरमैया के नेतृत्व वाली कर्नाटक राज्य सरकार ने लिंगायत व वीरशैव समुदाय को अलग धार्मिक अल्पसंख्यक के रूप में मान्यता संबंधी प्रस्ताव को 19 मार्च, 2018 को मंजूरी दे दी।
- अब यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।
- इस प्रस्ताव की सिफारिश राज्य अल्पसंख्यक आयोग ने किया था।
- न्यायमूर्ति नागमोहन दास समिति ने अल्संख्यक आयोग को दी अपनी सिफारिश में लिंगायत को अलग धर्म के रूप में मान्यता देने को कहा था।
- ऐसा कहा जा रहा है कि राज्य विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के कथित उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।
- लिंगायत व वीरशैव वस्तुतः शैव संप्रदाय की शाखाएं रही हैं।
- लिंगायत के संस्थाक 12वीं सदी के सुधारक बसवन्न्ना को माना जाता है जिसने हिंदू धर्म में जाति व्यवस्था की कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था।
- वीरशैव जहां भगवान शिव की उपासना करते हैं वहीं लिंगायत अपने शरीर पर गेंदनुमा आकृति की इष्टलिंग धारण करते हैं।