- यूरोपीय संघ के उपग्रह सेंटिनल-5पी (Sentinel-5P satellite) से ली गई तस्वीर में भारत की वायु गुणवत्ता कुछ अलग दिख रही है। सेंटिनल-5 पी को वायु गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए अक्टूबर 2017 में प्रक्षेपित किया गया था।
- वैज्ञानिकों के मुताबिक उपग्रह से लिए गए चित्र में राजस्थान को छोड़कर अधिकांश भारत की वायु लाल रंग की दिख रही है जो ‘फार्मलडीहाइड’ (formaldehyde) की उपस्थिति दर्शाता है। यह एक रंगहीन गैस है जो प्राकृतिक रूप में वनस्पति से उत्सर्जित होता है। साथ ही कई प्रदूषित गतिविधियों से भी यह प्रदूषित होता है।
- रॉयल बेल्जियन इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एयरोनॉमी की वैज्ञानिक इसाबेल डी स्मेट के अनुसार नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन की तुलना में फार्मलडीहाइड (CH₂O) की मात्र काफी कम होती है परंतु यह सामान्य प्रदूषण का कारण भी हो सकता है।
- इन वैज्ञानिकों के कारण भारत के जिस क्षेत्र की वायु लाल रंग लिए दिख रही है वहां वनस्पति काफी अधिक है। ऐसे में इसका कारण फसलों को जलाना या जंगलों में लगी आग का उत्सर्जन हो सकता है। इनका यह भी मानना है कि भारत के इस क्षेत्र में लकड़ी पर खाना बनाने की परंपरा भी है। इसके अलावा कोयला को जलाने से भी ऐसा संभव हो सकता है। राजस्थान की वायु का सामान्य दिखना इसी बात का संकेत है कि वहां वनस्पति अधिक नहीं है इसलिए वहां ये कारक मौजूद नहीं हैं।
- ज्ञातव्य है कि यूरोपीय आयोग का सेंटिनल-5पी उपग्रह का ट्रोपोमी उपग्रह वायुमंडल में मौजूद किसी भी गैस का पता लगा सकता है।