क्याः इसरो व कॉपरनिकास कार्यक्रम डाटा साझा
कबः 19 मार्च, 2018
कहांः बंगलुरू
- भारत एवं यूरोपीय संघ (ईयू) ने 19 मार्च, 2018 को बंगलुरू में एक समझौता पर हस्ताक्षर किया जिससे दोनों पक्ष एक-दूसरे के उपग्रहों केे भू-पर्यवेक्षण डाटा का इस्तेमाल कर सकेंगे।
- इस समझौते पर हस्ताक्षर बंगलुरू में यूरोपीय आयोग की ओर से फिलिप ब्रुनेट व भारत वैज्ञानिक सचिव पी-जी- दिवाकर ने कियाा।
- इस समझौते के तहत जहां इसरो अपने भू पर्यवेक्षण उपग्रहों का डाटा साझा करेगा जबकि यूरोपीय आयोग अपने कॉपरनिकस कार्यक्रम के उपग्रहों का डाटा भारत से साझा करेगा।
- ज्ञातव्य है कि यूरोपीय संघ का कॉपरनिकस कार्यक्रम जलवायु परिवर्तन, भूमि, महासागर व वायुमंडल पर निगरानी से संबंधित कई प्रकार की भू-पर्यवेक्षण सेवाएं प्रदान करता है जिसका भारत लाभ उठा सकता है।
क्या है कॉपरनिकस कार्यक्रम?
- कॉपरनिकस कार्यक्रम यूरोपीय संघ का भू-पर्यवेक्षण कार्यक्रम है जो यूरोपीय नागरिकों के लाभ के लिए पृथ्वी व इसके पर्यावरण का पर्यवेक्षण करता है।
- कॉपरनिकस कार्यक्रम का प्रबंधन व समन्वयन यूरोपीय आयोग द्वारा किया जाता है।