संस्‍कृति मंत्रालय की ‘सेवा भोज योजना’

क्या: सेवा भोज योजना
कौन: केंद्रीय संस्‍कृति मंत्रालय
किसलिए: परोपकारी धार्मिक संस्‍थानों का का वित्‍तीय बोझ कम करना

  • केंद्रीय संस्‍कृति मंत्रालय ने परोपकारी धार्मिक संस्‍थानों का वित्‍तीय बोझ कम करने के लिए ‘सेवा भोज योजना’ नामक नई योजना शुरू की है।
  • वित्‍त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए इस योजना का कुल परिव्यय 325 करोड़ रुपये है.

उद्देश्य

  • इस योजना के तहत भोजन/प्रसाद/लंगर(सामुदायिक रसोई)/भंडारे के लिए घी/तेल/आटा/मैदा/रवा, चावल, दाल, चीनी, बुरा/गुड जैसी कच्‍ची सामग्री की खरीदारी पर केन्‍द्रीय वस्‍तु और सेवाकर (सीजीएसटी) और एकीकृत वस्‍तु और सेवाकर (आईजीएसटी) का केन्‍द्र सरकार का हिस्‍सा लौटा दिया जाएगा, ताकि लोगों/श्रद्धालुओं को बगैर किसी भेदभाव के निशुल्‍क भोजन/प्रसाद/लंगर(सामुदायिक रसोई)/भंडारा प्रदान करने वाले परोपकारी धार्मिक संस्‍थानों का वित्‍तीय बोझ कम किया जा सके

अर्हता

  • वित्‍तीय सहायता/अनुदान के लिए आवेदन करने से पहले कम से कम पांच वर्षों तक कार्यरत मंदिर, गुरूद्वारा, मस्जिद, गिरिजाघर, धार्मिक आश्रम, दरगाह, मठ जैसे परोपकारी धार्मिक संस्‍थानों और एक महीने में कम से कम 5,000 लोगों को निशुल्‍क भोजन प्रदान करने तथा आयकर की धारा 10 (23बीबीए) के तहत आने वाले संस्‍थान या सोसायटी पंजीकरण अधिनियम (1860 की XXI) के अंतर्गत सोसायटी के रूप में पंजीकृत संस्‍थान अथवा किसी भी अधिनियम के अंतर्गत वैधानिक धार्मिक संस्‍था के बनने के समय लागू कानून के तहत जन न्‍यास के तौर पर या आयकर अधिनियम की धारा 12 एए के तहत पंजीकृत संस्‍थान इस योजना के तहत अनुदान पाने के पात्र होंगे।
  • संस्‍कृति मंत्रालय वित्‍त आयोग की अवधि के साथ समाप्‍त होने वाली समयावधि के लिए पात्र परोपकारी धर्मार्थ संस्‍थान का पंजीकरण करेगा। इसके बाद संस्‍थान के कार्यों का आकलन करने के पश्‍चात मंत्रालय पंजीकरण का नवीनीकरण कर सकता है। जन साधारण, जीएसटी प्राधिकारियों और संस्‍था/संस्‍थान के लिए पंजीकृत संस्‍थान का विवरण ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्‍ध होगा। संस्‍था/संस्‍थान को जीएसटी और आईजीएसटी का केन्‍द्र सरकार के हिस्‍से को वापस पाने के लिए राज्‍य स्‍तर पर जीएसटी विभाग के निर्धारित अधिकारी को पंजीकरण की मान्‍यता के दौरान निर्दिष्‍ट प्रारूप में भेजना होगा। सहयोग ज्ञापन, कर्मचारियों या निशुल्‍क भोजन सेवा के स्‍थान को बढ़ाने/कम करने के किसी भी प्रकार के बदलाव के बारे में मंत्रालय को जानकारी देने की जिम्‍मेदारी संस्‍थान/संस्‍था की होगी।

दर्पण पोर्टल

  • सभी पात्र संस्‍थानों का दर्पण पोर्टल में पंजीकरण आवश्‍यक है। मंत्रालय को प्राप्‍त हुए सभी आवेदनों की जांच चार सप्‍ताह के भीतर इस उद्देश्‍य से गठित समिति द्वारा की जाएगी। समिति की सिफारिशों के आधार पर मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी ऊपर बताई गई विशेष सामग्रियों पर सीजीएसटी और आईजीएसटी का केन्‍द्र सरकार का हिस्‍सा वापस लौटाने के लिए परोपकारी धार्मिक संस्‍थानों का पंजीकरण करेगा।

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