- केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली द्वारा अपने बजट भाषण 2018-19 (पैराग्राफ 75) में की गई घोषणा को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) में सचिव (श्री सुभाष चंद्र गर्ग ) की अध्यक्षता में सात सदस्यीय (अध्यक्ष सहित) एक संचालन समिति (Steering Committee) का गठन 5 मार्च, 2018 को किया गया।
- उद्देश्य – इसके पीछे मुख्य उद्देश्य भारत में फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी यानी फिनांसियल टेक्नोलॉजी) क्षेत्र के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार करना है, ताकि फिनटेक संबंधी नियम-कायदों को और ज्यादा लचीला बनाया जा सके तथा एक ऐसे क्षेत्र में और ज्यादा उद्यमियता सृजित की जा सके, जिसमें भारत को अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले विशिष्ट बढ़त हासिल है।
- संचालन समिति इस बात पर भी फोकस करेगी कि एमएसएमई का वित्तीय समावेश बढ़ाने के लिए किस तरह से फिनटेक का उपयोग किया जा सकता है।
- विचारार्थ विषय : संचालन समिति के विचारार्थ विषय निम्नलिखित होंगे :
- विश्व स्तर के साथ-साथ भारत में भी फिनटेक क्षेत्र में हुए घटनाक्रमों को ध्यान में रखना और मौजूदा स्थिति के बारे में एक सामान्य साझा समझ विकसित करना।
- उन विभिन्न निकायों की नियामकीय व्यवस्था का सूक्ष्म विश्लेषण करना, जिन्होंने भारत में फिनटेक के विकास पर असर डाला है।
- इस बात पर विचार करना कि किस तरह से अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर एमएसएमई के वित्त पोषण, किफायती आवास, कमजोर तबकों को ई-सेवाएं मुहैया कराने, भूमि रिकॉर्ड के प्रबंधन एवं अन्य सरकार सेवाओं का प्रावधान करने, डिजिटल भुगतान तक पहुंच एवं इसे अपनाने और इन क्षेत्रों में हुए घटनाक्रमों का अध्ययन करने में फिनटेक का उपयोग किया जा सकता है।
- नियामकीय उपाय यथा नियामकीय सैंडबॉक्स मॉडल विकसित करना, जो विशेष कदमों के लिए चिन्हित क्षेत्रों में फिनटेक की भूमिका को बढ़ा देगा।
- फिनटेक क्षेत्र में ‘कारोबार में सुगमता’ को बढ़ावा देना।
- विशिष्ट उद्यम पहचान संख्या के सृजन एवं उपयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए यूआईडीएआई जैसी सरकारी एजेंसियों के साथ काम करना।
- विभिन्न देशों जैसे सिंगापुर, ब्रिटेन, चीन इत्यादि के साथ फिनटेक में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के अवसरों पर विचार करना।