केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक और संसदीय कार्यमंत्री श्री अनंत कुमार ने 8 मार्च 2018 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत पूरी तरह ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकीन ‘सुविधा’ के लांच की घोषणा की।
- यह किफायती सैनिटरी नैपकीन देश भर के 3200 जन-औषधि केंद्रों पर 2.50 रुपये प्रति पैड उपलब्ध होगी और यह भारत की वंचित महिलाओं के लिए स्वच्छता, स्वास्थ्य और सुविधा सुनिश्चित करेगी।
- औषध विभाग द्वारा उठाया गया यह कदम सभी के लिए किफायती और गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करेगा।
- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन सभी महिलाओं के लिए यह एक विशेष उपहार है, क्योंकि यह अनोखा उत्पाद किफायती और स्वास्थ्यकर होने के साथ ही इस्तेमाल और निपटान में आसान है।
- 28 मई, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय मासिक धर्म स्वच्छता दिवस से देश के सभी जन-औषधि केंद्रों पर सुविधा नैपकीन बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा।
- राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार 15 से 24 साल तक की 58 प्रतिशत महिलाएं स्थानीय स्तर पर तैयार नैपकीन, सैनिटरी नैपकीन और रूई के फाहे का इस्तेमाल करती हैं। शहरी क्षेत्रों की 78 प्रतिशत महिलाएं मासिक धर्म के दौरान सुरक्षा के लिए स्वस्थ विधियां अपनाती हैं। ग्रामीण इलाके की केवल 48 फीसदी महिलाएं साफ-सुथरा सैनिटरी नैपकीन का इस्तेमाल कर पाती हैं।
- यह उन महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अति महत्वपूर्ण आवश्यकता है, जो आज बाजार में उपलब्ध प्रसिद्ध ब्रांड की सैनिटरी नैपकीन नहीं पाने के चलते अब भी मासिक धर्म के दौरान अस्वस्थ्यकर साधनों का इस्तेमाल करती हैं। ऐसे अस्वस्थ्यकर साधनों के इस्तेमाल से महिलाओं को कई बीमारियां होती हैं और वे बांझपन तक का भी शिकार हो जाती हैं। बाजार में उपलब्ध आज की गैर-बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकीन पर्यावरण की बड़ी समस्या बन रही हैं। पूरी तरह बायोडिग्रेडेबल सुविधा नैपकीन स्वच्छता सुनिश्चित करेगी।
- सुविधा नैपकीन में एक विशेष प्रकार का पदार्थ मिलाया जाता है, जिससे इस्तेमाल के बाद ऑक्सीजन के संपर्क में आकर यह बायोडिग्रेडेबल हो जाती है। आज बाजार में उपलब्ध किसी भी सैनटरी नैपकीन की कीमत लगभग 8 रुपये प्रति पैड है, जबकि सुविधा नैपकीन की कीमत 2.50 रुपये प्रति पैड है।
प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (पीएमजेएवाई)
- सभी को किफायती मूल्यों पर जेनरिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक देशव्यापी अभियान फार्मास्यूटिकल विभाग द्वारा केन्द्रीय फार्मा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के सहयोग से ‘प्रधानमंत्री जन औषधि योजना (पीएमजेएवाई)’ के नाम से शुरू किया गया था।
- प्रधानमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री जन औषधि योजना की घोषणा 1 जुलाई 2015 को की गई। इस योजना में सरकार द्वारा उच्च गुणमवत्ता वाली जैनरिक (Generic) दवाईयों के दाम बाजार मूल्य से कम किए जा रहें है। यह अभियान Pharmaceutical Department ने Central Pharma sector Undertaking के साथ मिलकर शुरू किया है।
- सरकार द्वारा जन औषधि स्टोर बनाए गए है, जहां जेनरिक दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही है। जेनरिक दवाईयां ब्रांडेड या फार्मा की दवाईयों के मुकाबले सस्ती होती है, जबकि प्रभावशाली बराबर ही होती है।इस योजना में प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र (पीएमजेएके) नामक समर्पित आउटलेट खोलने की अहम पहल की परिकल्पना की गई है, जहां उत्तम जेनरिक दवायें कम मूल्यों पर बेची जाती हैं। भारतीय फार्मा पीएसयू ब्यूरो (बीपीपीआई) इस योजना को क्रियान्वित कर रहा है।