- मिस्र के सर्वोच्च न्यायालय ने 3 मार्च, 2018 को अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में सरकार के उस निर्णय को सही ठहराया है जिसमें लाल सागर में स्थित दो द्वीपों को सउदी अरब को सौपने का प्रावधान था।
- दरअसल अप्रैल 2016 में सउदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुलाजीज की मिस्र यात्रा के दौरान लाल सागर में स्थित दो द्वीपों तिरान व सनाफिर को सउदी अरब को सौपने पर समझौता हुआ था।
- इस समझौते के पश्चात संपूर्ण मिस्र में जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन हुये थे और लोगों ने आरोप लगाया कि बड़ी रकम के बदले मिस्र सरकार ने दोनों द्वीपों को सउदी अरब को देने को तैयार हो गया।
- हालांकि मिस्र सरकार का तर्क रहा है कि ये दोनों द्वीप मूलतः सउदी अरब के हैं और 1950 के दशक में लीज पर मिस्र को सौपा गया था।
- मिस्र सरकार के इस निर्णय को नीचली अदालतों ने गलत ठहराया था। परंतु सर्वोच्च न्यायालय के 3 मार्च, 2018 के निर्णय के पश्चात एक बार फिर से दोनों द्वीपों को सउदी अरब को सौपने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
- लाल सागर में स्थित तिरान व सनाफिर द्वीप पर आबादी नहीं है परंतु सामरिक दृष्टिकोण से इनका काफी महत्व है।