- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2018 की ब्लूप्रिंट प्रायोरिटी डिजीज वार्षिक समीक्षा में एक अज्ञात बीमारी जिसे ‘डिजीज-एक्स’ (Disease-X) नाम दिया गया है ‘सक्षम वैश्विक महामारी’ (Potential Global Epidemic) की सूची में शामिल किया गया है।
- इस सूची में पहले से ही इबोला, सार्स एवं जिका वायरस शामिल हैं। परंतु इन रोगजनकों (pathogens) के विपरीत डिजीज-एक्स के लिए उत्तरदायी कारकों का पता है न ही इसका इलाज कैसे किया जाये, इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध है। परंतु विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यह बीमारी विश्व की लाखों आबादी को समाप्त करने में सक्षम है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है अगला वैश्विक महामारी अगले क्षण ही आरंभ हो सकती है और महज 200 दिनों में ही 33 मिलियन (3.3 करोड़) लोगों को सफाया कर सकती है।
- इसे खतरे वाली सूची में यह स्वीकार कराने के लिए किया गया है कि यह महामारी ऐसी बीमारी से प्रारंभ हो सकती है जिसने पहले कोई समस्या उत्पन्न नहीं किया है। सूची में डालने के पीछे यह भी उद्देश्य है कि विश्व भर के शोधकर्त्ता इस अज्ञात बीमारी के बारे में जानने व इलाज खोजने के लिए और अधिक परिश्रम कर सकें।
- यह बीमारी मानव निर्मित साधनों से उत्पन्न हो सकती है ने कि प्राकृतिक रूप से।
- इस बात का डर है कि रासायनिक व जैविक हथियारों का वैश्विक स्तर पर निर्माण व उपयोग किया जा रहा है। ये काफी खतरनाक हो सकते हैं क्योंकि मानव ने इसका कोई प्रतिरोध विकसित अभी तक नहीं किया है और इसलिए यह तेजी से फैल सकती है।
- सीरिया युद्ध के दौरान आम नागरिकों पर रासायनिक बम का इस्तेमाल किया गया और उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन के सौतेले भाई की हत्या के लिए वीएक्स नर्व एजेंट का इस्तेमाल किया गया। हाल में पूर्व रूसी एजेंट सर्गेई स्क्रिप्ल व उनकी बेटी यूलिया के खिलाफ भी नर्व एजेंट का इस्तेमाल किया गया।
- वैज्ञानिकों का यह भी कहना है डिजीज-एक्स स्पेनिश फ्लू , एचआईवी जैसी प्राकृतिक दुनिया से भी उत्पन्न हो सकती है क्योंकि मानव व जानवर एक-दूसरे के अधिक संपर्क में आर रहे हैं।