- बाल विवाह पर 6 मार्च, 2018 को प्रकाशित यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार विगत एक दशक में भारत में बाल विवाह की दर में 20 प्रतिशत की कमी आयी है।
- रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2005-06 में भारत में बाल विवाह की दर 47 प्रतिशत थी जो वर्ष 2015-16 में कम होकर 27 प्रतिशत रह गयी।
- यूनिसेफ के मुताबिक भारत में बाल विवाह में गिरावट की वजह से ही वैश्विक स्तर पर भी बाल विवाह में गिरावट दर्ज की गई, खासकर दक्षिण एशिया में।
- वैश्विक स्तर पर आलोच्य अवधि (2005-6 से 2015-16 के बीच) में बाल विवाह में 15 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई।
- रिपोर्ट के अनुसार 2005-06 से 2015-16 के बीच 25 मिलियन बाल विवाह वैश्विक स्तर पर हुये।
- दक्षिण एशिया में 18 वर्ष से पहले विवाहित महिलाओं की दर 50 प्रतिशत से कम होकर 30 प्रतिशत रह गयी।
- गिरावट की वजहः यूनिसेफ के अनुसार लड़कियों में शिक्षा का बढ़ता स्तर, सरकारी हस्तक्षेप व बाल विवाह की वैधानिकता के बारे में मजबूत लोक जागरुकता इत्यादि प्रमुख कारण रहे हैं जिनकी वजह से बाल विवाह में गिरावट दर्ज की गई।
- चिंताएं अभी हैंः यूनिसेफ के अनुसार सरकारी प्रयासों के बावजूद अभी भी भारत के जिलों में बाल विवाह की दर काफी अधिक है खासकर जनजातियों एवं अनुसूचित जातियों में।
- बिहार, पश्चिम बंगाल व राजस्थान में अभी भी बाल विवाह की दर 40 प्रतिशत से अधिक है वहीं तमिलनाडु व केरल में यह 20 प्रतिशत से कम है।
- क्या है बाल विवाहः यूनिसेफ के अनुसार बाल विवाह से तात्पर्य है 20 से 24 आयु समूह की महिलाओं में 18 वर्ष से पहले विवाहित महिलाओं की दर।
बाल विवाह की दर
देश 15 वर्ष से पहले 18 वर्ष से पहले
चाड 30% (सर्वाधिक) 67 %
नाइजर 22 % 75 % (सर्वाधिक)
बांग्लादेश 22 प्रतिशत 59 प्रतिशत
नेपाल 7 प्रतिशत 40 प्रतिशत
भारत 7 प्रतिशत 27 प्रतिशत
भूटान 6 प्रतिशत 26 प्रतिशत
पाकिस्तान 3 प्रतिशत 21 प्रतिशत