केंद्र सरकार ने 6 उत्कृष्ट संस्थानों (Institutions of Eminence) का चयन किया है, जिनमें से 3 संस्थान सार्वजनिक क्षेत्र के और 3 संस्थान निजी क्षेत्र के हैं। एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति (ईईसी) ने अपनी रिपोर्ट में 6 संस्थानों (3 संस्थान सार्वजनिक क्षेत्र से और 3 संस्थान निजी क्षेत्र से) का चयन ‘उत्कृष्ट संस्थानों’ के रूप में करने की सिफारिश की थी। इन संस्थानों का विवरण नीचे दिया गया है –
- सार्वजनिक क्षेत्र : (i) भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू, कर्नाटक (ii) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई, महाराष्ट्र और (iii) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली।
- निजी क्षेत्र : (i) जियो इंस्टीट्यूट (रिलायंस फाउंडेशन) पुणे, ग्रीन फील्ड श्रेणी के तहत (ii) बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज, पिलानी, राजस्थान; और (iii) मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, मणिपाल, कर्नाटक।
- मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर के अनुसार यह एक ऐतिहासिक निर्णय है और यह श्रेणीबद्ध स्वायत्तता से भी काफी आगे है। इससे चयनित संस्थानों को पूर्ण स्वायत्तता सुनिश्चित होगी और उन्हें काफी तेजी से विकसित होने में मदद मिलेगी। इन संस्थानों को और अधिक कौशल एवं गुणवत्ता में सुधार के साथ अपने परिचालन स्तर को बढ़ाने के लिए और अधिक अवसर प्राप्त होंगे, जिससे कि वे शिक्षा के क्षेत्र में ‘विश्वस्तरीय संस्थान’ बन सकें।
उत्कृष्टता के संस्थान
- वित्त मंत्री ने वर्ष 2016 के बजट में देश के उच्चतर शिक्षण संस्थानों को विश्व स्तरीय बनाने की घोषणा की थी। इसी अनुरूप सरकार/यूजीसी ने यह स्कीम आरंभ किया जिसके तहत देश के 20 संस्थानों को अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया (10 पब्लिक सेक्टर व 10 निजी क्षेत्र) जिसे ‘उत्कृष्टता के संस्थान’ कहा जाएगा।
- इस योजना के तहत ‘उत्कृष्ट संस्थान’ के रूप में चयनित प्रत्येक ‘सार्वजनिक संस्थान’ को पांच वर्षों की अवधि में 1000 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।