क्याः पीएमआरपीवाई के कार्यक्षेत्र में विस्तार
कबः 28 मार्च, 2018
क्योंः पहले तीन वर्षों के लिए नियोक्ता के पूर्ण योगदान सरकार द्वारा
- आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने 28 मार्च, 2018 को अपनी बैठक में ‘प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना (PMRPY) के कार्यक्षेत्र में विस्तार को मंजूरी दी हे।
- कार्यक्षेत्र में विस्तार के पश्चात अब सभी क्षेत्रों के लिए नये कर्मचारी के पंजीकरण की तिथि से पहले तीन वर्षों के लिए नियोक्ता के पूर्ण योगदान का हिस्सा में योगदान देगी, जिसमें वर्तमान लाभार्थियों के तीन वर्षों की उनकी शेष अवधि का योगदान भी शामिल है।
- सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से अनौपचारिक क्षेत्र के कामगार सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ जाएंगे तथा और अधिक रोजगार का सृजन होगा।
- केंद्र सरकार का कहना है कि अभी तक इस योजना के काफी उत्साहवर्द्धक परिणाम प्राप्त हुए है और औपचारिक रोजगार में लगभग 31 लाख लाभार्थी सम्मिलित हुए हैं, जिसमें 500 करोड़ रूपये से अधिक का व्यय शामिल है।
प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के बारे में
- पीएमआरपीवाई अगस्त, 2016 से ही परिचालन में है।
- इस योजना में, सरकार 15 हजार रूपये प्रति महीने तक के वेतन के साथ, एक नये सार्वभौमिक खाता नंबर (यूएएन) रऽने वाले नये कर्मचारियों (जो 01 अप्रैल, 2016 या उसके बाद नियुक्त हुये हैं) के संदर्भ में कर्मचारी पेंशन योजना में नियोक्ताओं के 8.33 प्रतिशत योगदान का भुगतान कर रही है।
- इस योजना के दोहरा लाभ हैं; एक तरफ नियोक्ताओं को प्रतिष्ठानों में कामगारों के रोजगार आधार में वृद्धि करने के लिए प्रोत्साहन दिया जाता है, तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में कामगार ऐसे प्रतिष्ठानों में रोजगार पा सकेंगे।
-इसका एक प्रत्यक्ष लाभ यह है कि इन कामगारों को संगठित क्षेत्र के सामाजिक सुरक्षा लाभों की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।