राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2018 का आयोजन

क्याः राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
कबः 11 मई
क्योंः विज्ञान और प्रौद्योगिकी की परिवर्तनीय शक्ति को स्मरण करने के लिए

  • 11 मई, 2018 को भारत भर में 20वां राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया।
  • थीमः इस वर्ष इस दिवस की थीम है, ‘सतत भविष्य के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी’।
  • राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविंद ने विज्ञान भवन में इस दिवस के मुख्य समारोह को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि वित्त और संसाधन उन सभी प्रौद्योगिकीविद् के लिए उपलब्ध होना चाहिए जो उद्यमिता को प्रयोगशाला से कारखाना तक लाना चाहते हैं।
  • राष्ट्रपति ने कहा कि लैंगिक समानता को प्रौद्योगिकी उत्पादन के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए।
  • श्री कोविंद ने बताया कि नई प्रौद्योगिकियों में तीन आम विशेषताएं हैं –
  • वे भारतीय संदर्भ में आवश्यक समाधान प्रदान करते हैं और हमारे लोगों की सामाजिक और आर्थिक जरूरतों में योगदान देते हैं,
  • (2) वे प्रतिस्पर्धी मूल्य बिंदुओं पर यह सब हासिल करते हैं और
  • (3) वे गुणवत्ता पर समझौता नहीं करते हैं।
  • इस अवसर पर बोलते हुए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस खुद को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की परिवर्तनीय शक्ति को याद करने का सुअवसर है।
  • राष्ट्रपति, श्री राम नाथ कोविंद ने तीन श्रेणियों में प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड के पुरस्कार प्रदान किए।
    • श्रेणी एः स्वदेशी प्रौद्योगिकी के सफल व्यावसायीकरण के लिएः एगाप्पी डायग्नोस्टिक्स लिमिटेड, एर्नाकुलम, केरलः मिस्पा 13, एक स्वचालित कारतूस आधारित प्रोटीन एनालाइजर के लिए और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, हैदराबाद को रोटावायरस टीका ‘रोटावाक’ के लिए।
    • श्रेणी बीः एमएसएमई द्वारा सफल प्रौद्योगिकी व्यावसायीकरण के लिए।
    • श्रेणी सीः प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप के लिए।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के बारे में

  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का उत्सव वैज्ञानिक अन्वेषण, तकनीकी रचनात्मकता और नवाचारों के लिए भारत की खोज का प्रतीक है; और इन खोजों का राष्ट्रीय सामाजिक-आर्थिक लाभ के साथ एकीकरण का।
  • इस दिवस का ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि 11 मई 1998 को भारत ने पोखरण में सफल परमाणु परीक्षणों के द्वारा एक प्रमुख तकनीकी सफलता हासिल की।
  • इसके अलावा, देश का पहला स्वदेशी विमान हंसा-3 को इस दिन बैंगलोर में परीक्षण किया गया था और भारत ने उसी दिन त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण भी किया था।
  • वर्ष 1999 से, इसी दिन राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *