- हरियाणा सरकार ने में बारह वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को फांसी या न्यूनतम चौदह साल की सजा हेतु भारतीय दंड संहिता की चार धाराओं में संशोधन को 27 फरवरी, 2017 को मंजूरी दे दी।
- ज्ञातव्य है कि राज्य में हाल के महीनों में दुष्कर्म की वारदातों में बढ़ोतरी देखी गयी है। इसी के आलोक में आइपीसी में नई धाराएं जोड़ने के प्रस्ताव किया गया है। इस हेतु एक विधेयक राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा।
- यदि यह विधेयक राज्य विधानसभा से पारित हो जाता है तो मध्य प्रदेश के बाद ऐसा करने वाला वाला हरियाणा देश का दूसरा राज्य होगा।
- राज्य कैबिनेट द्वारा मंजूरी प्राप्त प्रावधान के अनुसार भारतीय दंड संहिता की धारा 376ए, 376डी, 354, 354डी में संशोधन कर चार नई धाराएं जोड़ी जाएंगी। संशोधन के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं;
- 1. धारा 376 एए के तहत जोड़ी गई नई धारा के अनुसार 12 साल तक की बच्ची से दुष्कर्म के मामले में मृत्युदंड या 14 साल के सश्रम कारावास की सजा हो सकती है।
- 2. सजा को दोषी के प्राकृतिक जीवन की शेष अवधि के लिए कारावास तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- 3. धारा 376 डीए के तहत बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म की स्थिति में मृत्युदंड या न्यूनतम 20 साल के सश्रम कारावास की सजा मिलेगी।
- 4.पीडि़त के चिकित्सा ऽचों और पुनर्वास संबंधी जरूरतों के आधार पर जुर्माना लगाया जाएगा।
- 5. आइपीसी की धारा 354 के तहत शीलभंग की कोशिश में हमला करने वाले दोषी की सजा न्यूनतम दो साल से बढ़ाकर सात साल कर दी गई है।
- 6. आइपीसी की धारा 354 डी (2) के तहत यदि कोई व्यत्तिफ़ किसी का पीछा करता है तो पहली बार उसे अधिकतम तीन साल कैद और जुर्माना होगा। दूसरी बार दोष सिद्ध होने पर न्यूनतम तीन साल कैद होगी, जिसे जुर्माने के साथ सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
आईपीसी की धाराएं जिनमें संशोधन का प्रस्ताव किया गया है;
- आईपीसी की धारा 376एः अलग रह रही अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध स्थापित करना
- 376डीः एक या उससे अधिक व्यक्ति द्वारा बलात्कार, सामूहिक बलात्कार
- 354ः महिला का शीलभंग की नीयत से छेड़छाड़ या आपराधि बल प्रयोग
- 354 डी(2): महिलाओं का पीछा करना।