श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संतोष कुमार गंगवार ने 22 अक्टूबर 2020 को वर्ष (2016) के आधार पर औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index for Industrial Workers: CPI-IW) की नई श्रृंखला जारी की।
- नई श्रृंखला में आधार वर्ष को 2001 की जगह 2016 कर दिया गया है । इस संशोधन से पहले, श्रम ब्यूरो की स्थापना के बाद से श्रृंखला को 1944 से 1949; 1949 से 1960, 1960 से 1982 और 1982 से 2001 तक संशोधित किया गया।
- खुदरा कीमतों में मुद्रास्फीति को मापने के अलावा, CPI-IW का उपयोग मुख्य रूप से केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों और श्रमिकों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते (DA) के निर्धारण के लिए किया जाता है, इसके अलावा अनुसूचित रोज़गारों में न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण और संशोधन भी इसका उपयोग किया जाता है।
- 2016 श्रृंखला में कुल 88 केंद्रों को शामिल किया गया है, जबकि 2001 श्रृंखला में केवल 78 केंद्र ही शामिल थे।
- खुदरा श्रृंखला के आंकड़ों के संग्रह के लिए चयनित बाजारों की संख्या भी 2016 की श्रृंखला के तहत 317 बाजारों तक बढ़ा दी गई है, जबकि 2001 श्रृंखला में 289 बाजारों को ही शामिल किया गया था।
- सूचकांक पेटी में सीधे रखे गए आइटमों की संख्या बढ़कर 463 आइटम हो गई है, जबकि 2001 की श्रृंखला में 392 आइटम ही शामिल थे।
- पहले की श्रृंखला (1982 और 2001) की तुलना में नई श्रृंखला के तहत समूह स्तर का महत्व बदल गया है।
- खाद्य और पेय पदार्थों के प्रभाव समय के साथ कम हो गया है जबकि विविध समूह (स्वास्थ्य; शिक्षा और मनोरंजन; परिवहन और संचार; व्यक्तिगत देखभाल और प्रभाव; घरेलू सामान और सेवाएं आदि) के प्रभाव में 2016 श्रृंखला में महत्वपूर्ण रूप से वृद्धि हुई है।