केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 4 मार्च 2020 को नागर विमानन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-एफडीआई नीति को भी स्वीकृति दी।
एफ डी आई नीति में संशोधन का उद्देश्य एयर इंडिया में विदेशी निवेश को अनुमति प्रदान करना है।
अप्रवासी भारतीय- एन आर आई स्वत: मंजूरी प्रक्रिया के द्वारा एयर इंडिया का शत प्रतिशत शेयर खरीद सकते हैं।
इससे पहले, एन आर आई केवल 49 प्रतिशत तक ही शेयर खरीद सकते थे।
मौजूदा एफडीआई के अनुसार, अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा/ घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में स्वचालित मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है (49 प्रतिशत तक स्वचालित और 49 प्रतिशत से अधिक सरकार के जरिये)। हालांकि एनआरआई के लिए अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा/ घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति है। लेकिन शर्त यह है कि विमान नियम 1937 के अनुसार पर्याप्त स्वामित्व एवं प्रभावी नियंत्रण (एसओईसी) भारतीय नागरिकों में निहित होगा।
हालांकि एयर इंडिया लिमिटेड के लिए मौजूदा नीति के अनुसार, एयर इंडिया लिमिटेड में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष तौर पर 49 प्रतिशत से अधिक विदेशी निवेश की अनुमति नहीं है और वह इस शर्त पर आधारित है कि एयर इंडिया लिमिटेड में पर्याप्त स्वामित्व एवं प्रभावी नियंत्रण भारतीय नागरिकों में निहित हो। इसलिए अनुसूचित हवाई परिवहन सेवा/ घरेलू अनुसूचित यात्री एयरलाइन में एनआरआई के लिए स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति होने के बावजूद मैसर्स एयर इंडिया लिमिटेड के मामले में यह केवल 49 प्रतिशत तक सीमित है।