विशाखापट्टनम से 45 किलोमीटर दूर भीमुनिपट्टनम (Bheemunipatnam) में समुद्र में 5 मीटर नीचे लगभग 200 वर्ष पुुराने जहाज का मलवा प्राप्त हुआ है।
-इसकी खोज दो स्कूबा डाइवर्स बलराम नायडु व अनिल कुमार ने की।
-कुछ स्कूबा डाइवर्स के मुताबिक संभवतः यह विश्व में उन चंद समुद्री स्थलों में से एक है जहां समुद्री जल के इतने कम नीचे पुराने जहाज का मलवा प्राप्त हुआ है।
-जहाज के इस मलवे के पास कई प्रकार की मछलियां एवं अन्य समुद्री जीव पाये गये जो देश के स्कूवा डाइवर्स को आकर्षित कर सकते हैं।
-यह मलवा संथापल्ली चट्टान के पास मिला है। यह वही क्षेत्र है जहां कई जहाज चट्टान से टकराकर नष्ट हो गये थे। 1840 में ब्रिटिश सरकार ने इस जगह पर लाइटहाउस का निर्माण करवाया था।
क्या होता है स्कूबा डाइविंगः स्कूबा, सेल्फ कंटेंड अंडरवाटर ब्रीदिंग अप्रेट्स का संक्षिप्त रूप है। जल के नीचे तैरने वालों के लिए यह एक उपकरण है जिससे वे सांस लेते हैं।