- केंद्रीय संचार मंत्रालय भारतनेट परियोजना (BharatNet) का प्रथम चरण पूरा हो चुका है।
- परियोजना के प्रथम चरण, जिसके लिए 31 दिसंबर, 2017 का लक्ष्य रखा गया था, के तहत देश के एक लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ दिया गया है।
- प्रथम चरण के पूरा होने के पश्चात देश भर के 2-5 लाख गांवों के 20 करोड़ से अधिक ग्रामीण आबादी को उच्च गति की ब्रॉडबैंड सेवा उपलब्ध हो सकेगी।
- इस परियोजना ने भारत-निर्माण को भी गति दी है क्योंकि परियोजना के तहत अधिकांशतया उन टेलीफोन उपकरणों का इस्तेमाल किया जिनका निर्माण देश में हुआ था।
- प्रथम चरण में प्रतिदिन 800 किलोमीटर का ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया जो कि एक वैश्विक रिकॉर्ड है।
- परियोजना का दूसरा चरण मार्च 2019 तक पूरा किया जाना है जिसके तहत ब्रॉडबैंक नेटवर्क से देश के 50,000 ग्राम पंचायतों के 2 लाख गावों को जोड़ा जाएगा।
- परियोजना का तीसरा चरण 2019-2023 के बीच पूरा किया जाना है फ्यूचर प्रूफ नेटवर्क, रिंग टोपोलॉजी सृजित किये जाएंगे।
क्या है भारतनेट परियोजना
-भारतनेट परियोजना विश्व की सबसे बड़ी ग्रामीण ब्रॉडबैंड परियोजना है। यह नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क परियोजना का नया नाम है।
-अक्टूबर 2011 में नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क आरंभ की गई थी। वर्ष 2015 में मौजूदा एनडीए सरकार ने इसके धीमी गति को देखते हुये इसका नाम ‘भारतनेट’ कर दिया।
-इस परियोजना का लक्ष्य देश के सभी पंचायतों को मार्च 2019 तक उच्च गति की ब्रॉडबैंड सुविधा उपलब्ध कराना है।
-इस परियोजना के तिहरा मंत्र हैं: सृजन, समन्वय व विजय।
-यह राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है जिसके तहत बिना भेदभाव के 2 एमबीपीएस से लेकर 20 एमबीपीएस की ब्रॉडबैंड नेटवर्क सुविधा उपलब्ध कराना है।
-संपूर्ण परियोजना का वित्त पोषण यूनिवर्सल सर्विस ब्रॉडबैंड (यूएसओएफ) द्वारा किया जा रहा है।
-इस परियोजना के माध्यम से ग्रामीण भारत को ई-स्वास्थ्य, ई-शिक्षा, ई-बैंकिंग, इंटरनेट और अन्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।