असम के तिनसुखिया जिला में स्थित बाघजान तेल कूप (Baghjan 5) से 27 मई, 2020 से प्राकृतिक गैस का रिसाव है। यह रिसाव आसपास के वातावरण में फैल गया है जिस वजह से लोगों को गांव से खाली कराया गया है।
मुख्य तथ्य
बाघजान-5 तेल कुंआ में आयल इंडिया लिमिटेड 2006 में ड्रिलिंग किया गया था।
यहां 3870 मीटर की गहराई से प्रतिदिन 80,000 स्टैंडर्ड क्युबिक मीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन होता है।
यह गैस रिसाव न केवल मनुष्यों के लिए वरन् आसपास के पर्यावरण व वन्यजीवों के लिए भी खतरा पैदा कर दिया है।
डिब्रु-साइखोवा नेशनल पार्क (Dibru-Saikhowa National Park) वायुमार्ग से महज 900 मीटर की दूरी पर है। हालांकि यह गैस कुंआ इको-सेंसिटिव (पारिस्थितिक दृष्टिकोण से संवेदनशील) जोन में नहीं आता परंतु प्राकृतिक गैस संघनन की वजह से हवा के माध्यम से आसपास में फैल रहा है। इससे नेशनल पार्क के वन्यजीवों पर खतरा बढ़ गया है।
इस तेल कुंआ के पास में ही मागुरी-मोतापुंग आद्रभूमि (Maguri-Motapung wetland) भी है जिसे बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी ने महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र अधिसूचित किया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गैस रिसाव की वजह से मछली की कई प्रजातियां एवं एक संकटापन्न गंगा नदी डॉल्फिन की भी मौत हो चुकी है।