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- जर्मनी के मार्टिन लुथर विश्वविद्यालय तथा टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक बैक्टीरिया खोजा है जो विषाक्त धातु निगलने के बाद उसे सोना में बदल देती है।
- मेटालोमिक्स पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार इस बैक्टीरिया का नाम है ‘बैक्टीरियम सी मेटालिड्युरेंस’ (Bacterium C metallidurans) जो विषाक्त धात्विक यौगिक को निगलने में सफल हो जाती है और साइड इफेक्ट्स के रूप में छोटे-छोटे स्वर्ण कण उगलती है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार तांबा, सोना जैसे भारी धातुओं का अत्यधिक संकेंद्रण किसी भी जीवित जंतु के लिए विषैला साबित होता है परंतु बैक्टीरियम सी मेटालिड्युरेंस के लिए यह लागू नहीं होता है। यह विषाक्त स्वर्ण कण को गैर-विषाक्त स्वर्ण कण में बदल देती है।
- छड़नुमा ये बैक्टीरिया भारी धातुओं वाले माहौल में रहती हैं। समय बीतने के साथ कई खनिज मृदा में परिवर्तित हो जाते हैं और विषाक्त धातु पर्यावरण में उत्सर्जित करते हैं। ऐसे विषाक्त माहौल में बचे रहने के लिए सजीव को खुद को ढ़ालना पड़ता है।
- सामान्य तौर पर सजीव के अंदर तांबा सकेंद्रण होने पर क्युप-ए (CupA) एंजाइम इसे बाहर कर देती है। परंतु जब सोना व तांबा एक साथ सजीव में चला जाये तो वह काफी विषाक्त हो जाता है।
- किंतु यह बैक्टीरिया सोना व तांबा के एक साथ अधिक जमा होने पर ‘कोप-ए’ (CopA) नामक दूसरा एंजाइम छोड़ता है जो तांबा एवं स्वर्ण यौगिक को उसके मूल रूप में बाहर कर देता है।