लोक सभा ने 2 जनवरी, 2018 को प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल एवं पुराशेष (संशोधन) विधेयक 2017 को पारित कर दिया।
-इस विधेयक के द्वारा संरक्षित स्मारकों के 100 मीटर दायरे वाले प्रतिबंधित क्षेत्र में केंद्र सरकार की निर्माण गतिविधियों को अनुमति प्रदान की गई है।
-प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल एवं पुराशेष कानून 1958 में संरक्षित स्मारकों के प्रतिबंधित क्षेत्रें में किसी प्रकार की विनिर्माण गतिविधियों की मनाही है।
-एक्ट के तहत संरक्षित स्मारकों के 100 मीटर के दायरे को प्रतिबंधित क्षेत्र या प्रोटेक्टेड एरिया माना गया है।
-केंद्र सरकार का मानना है कि इस तरह के प्रतिबंध से केंद्र सरकार की विभिन्न सार्वजनिक कार्य या परियोजनाएं या अन्य निर्माण गतिविधियों में बाधा आ रही थी।
-वर्तमान में देश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के न्यायाधीकरण में केंद्रीय संरक्षित स्मारकों एवं स्थलों की संख्या 3600 से अधिक है।
-इस विधेयक के द्वारा ‘लोक कार्य’ (पब्लिक वर्क) की परिभाषा में भी बदलाव किया गया है।
-इस विधेयक के द्वारा संरक्षित क्षेत्र में केवल लोक कार्यों को ही अनुमति दी जाएगी, निजी क्षेत्र की किसी परियोजना को अनुमति नहीं दी जाएगी।