15 जून, 2020 की रात को भारत एवं चीन की सेनाओं के बीच वर्ष 1967 के पश्चात पहली बार हिंसक झड़प हुयी जिसमें कर्नल सहित भारत के 20 सैनिक मारे गये। भारतीय सेना का दावा है कि एक अधिकारी सहित चीन के 43 सैनिक भी मारे गये। यह झड़प गलवान नदी घाटी (Galwan Valley) में हुयी। चीनी विदेश मंत्री का दावा है कि संपूर्ण गलवान घाटी उसकी है।
क्या है गलवान घाटी?
गलवान नदी, जो अक्साई चीन-जो कि चीन के पक्ष वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control: LAC)) में है, में उत्पन्न होती है पश्चिम की ओर बहती हुयी श्योक नदी (Shyok river) में मिलती है। इस नदी के बुफे क्षेत्र जो पहाड़ों से घिरा है, गलवान घाटी (Galwan Valley) कहलाती है।
इस घाटी के पूर्व में अक्साई चीन है जो चीन के नियंत्रण में है और यह जिनजियांग उइघर ऑटोनोमस क्षेत्र का हिस्सा है। इस घाटी के पश्चिम में श्योक नदी है।
गलवान नदी जिस जगह श्योक नदी में मिलती है वह भारतीय वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में है।
श्योक नदी जो उत्तर-दक्षिण दिशा में प्रवाहित होती है के समानांतर भारत ने डीएसडीबीओ (दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी-DSDBO) सड़क का निर्माण किया है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा ग्लवान-श्योक नदी संगम के पूर्व में घाटी में स्थित है। इस घाटी तक दोनों देशों की सेनाएं पेट्रोलिंग करती रही है। इस घाटी के सबसे पश्चिमी छोर, जो कि दोनों नदियों के संगम तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा के बीच है, पर भारत द्वारा सड़क निर्माण का चीन विरोध करता रहा है।
अब चीन कह रहा है कि संपूर्ण घाटी उसके अधिकार वालेे नियंत्रण क्षेत्र की ओर है जिसका मतलब है कि वह इस रेखा को थोड़ा और पश्चिम ले जाता है जो श्योक नदी के पास है। भारत ने चीन के इसी दावा को खारिज करते हुये अतिरंजित करार दिया है।
मानचित्र
वैसे इस पर जो मानचित्र उपलब्ध है वह स्पष्ट नहीं है। जून 1960 में चीन ने एक नया मानचित्र प्रस्तुत किया जिसमें गलवानी घाट को अपना क्षेत्र दर्शाया। नवंबर 1962 के मानचित्र में संपूर्ण घाटी को चीन ने अपना दर्शाया हालांकि उसके पश्चात गलवान नदी के सबसे पश्चिमी छोर को उसके मानचित्र में नहीं दर्शाया गया।
क्षेत्रीय दावा (Territorial claims) एवं वास्तविक नियंत्रण रेखा दावा (LAC claims)
हालांकि चीन ने संपूर्ण घाटी पर अपना क्षेत्र होने का दावा किया है परंतु क्षेत्रीय दावा (Territorial claims) एवं वास्तविक नियंत्रण रेखा दावों (LAC claims) के बीच अंतर है।
जहां एलएसी दावा प्रभावी अधिकार वाले क्षेत्र को दर्शाता है वहां क्षेत्रीय दावे महज दावे भर होते हैं। जैसे कि भारत अपने मानचित्र में 38000 वर्ग किलोमीटर का वह क्षेत्र भी दर्शाता है और उस पर दावा करता है जो फिलहाल चीन के प्रभावी अधिकार वाला अक्साई चीन है जिसे 1962 में उसने अधिकार कर लिया था जबकि वास्तविक नियंत्रण रेखा दावा गलवान घाटी है।
वैसे चीन ने संपूर्ण गलवान घाटी पर दावा करके वास्तविक नियंत्रण रेखा को एकपक्षीय रूप से परिवर्तित करने का मंतव्य व्यक्त किया है। 1993 का बॉर्डर पीस एंड ट्रांक्विलिटी एग्रीमेंट (बीपीटीए) के माध्यम से दोनों पक्षों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का पालन करने की बचनबद्धता व्यक्त की थी।
Source: The Hindu (Image source: The Hindu)
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