देश भर के इनक्यूबेटर पारिस्थितिकी तंत्र में समग्र प्रगति को प्रोत्साहित करने और सक्षम बनाने की एक प्रमुख पहल के तहत नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (एआईएम) ने एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक इनक्यूबेटर क्षमता वृद्धि कार्यक्रम एआईएम-आईसीआरईएसटी (AIM iCREST) शुरू किया है जो उच्च प्रदर्शन वाले स्टार्टअप बनाने पर केंद्रित है। भारत में नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए यह अपनी तरह की पहली कोशिश है।
एआईएम ने इसके लिए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन और वाधवानी फाउंडेशन के साथ हाथ मिलाया है।
ये संगठन उद्यमिता और नवाचार के क्षेत्र में विश्वसनीय मदद और विशेषज्ञता प्रदान कर सकते हैं। इस साझेदारी से एआईएम के इनक्यूबेटर नेटवर्क के लिए वैश्विक विशेषज्ञता हासिल हो सकेगी और सर्वोत्तम सिद्ध अभ्यास मिल सकेगा।
एआईएम-आईसीआरईएसटी, जैसा कि नाम से पता चलता है, को इनक्यूबेटर पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम बनाने और देश भर में एआईएम के अटल और स्थापित इनक्यूबेटरों के लिए विकास कारक के रूप में कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इस पहल के तहत, एआईएम के इनक्यूबेटरों को अपग्रेड करने के लायक बनाया गया है और इनक्यूबेटर उद्यम अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपेक्षित मदद प्रदान की गई है जिससे उन्हें अपने प्रदर्शन को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। इसे प्रौद्योगिकी से संचालित प्रक्रियाओं और मंचों के माध्यम से उद्यमियों को प्रशिक्षण प्रदान करके पूरा किया जाएगा।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य इनक्यूबेटर क्षमता निर्माण से आगे जाना है। मौजूदा महामारी संकट को देखते हुए, यह ज्ञान सृजन और उसके प्रसार में स्टार्ट-अप उद्यमियों की मदद करने के साथ-साथ एक मजबूत और सक्रिय नेटवर्क विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।