- भारतीय सेना ने 20 फरवरी, 2018 को परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया।
- यह परीक्षण ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप (“वीलर द्वीप) स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आइटीआर) से किया गया।
- सतह से सतह पर मार करने वाली मध्यम दूरी की इस मिसाइल का परीक्षण आइटीआर के लांच कांप्लेक्स-4 द्वारा रेल मोबाइल प्रणाली से किया गया।
- अग्नि-2 मिसाइल का पहला परीक्षण 11 अप्रैल 1999 को किया गया था।
- यह मिसाइल 2000 किलोमीटर तक हमला करने में सक्षम है। इसकी माारक क्षमता के जद में अब पाकिस्तान, चीन, दक्षिण पूर्व एशिया के देश आ गए हैं।
- अग्नि-2 का परीक्षण रक्षा विकास और अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशाला और भारत डायनमिक हैदराबाद के साथ मिलकर एडवांस सिस्टम प्रयोगशाला ने किया है।
- स्वदेश में ही निर्मित 21 मीटर लंबी यह मिसाइल एक मीटर चौड़ी, 17 टन वजन की है।
- मिसाइल का पेलोड 1000 किलोग्राम है यानी मिसाइल एक हजार किलोग्राम तक का भार वहन कर सकती है।
- यह दो स्तर के ठोस इंधन द्वारा संचालित बैलेस्टिक मिसाइल है।
- ज्ञातव्य है कि रक्षा विकास और अनुसंधान संगठन (डीआरडीओ) की मदद से सेना के सामरिक बल कमान ने इसका परीक्षण किया है।
- अग्नि-1 और अग्नि-2 मिसाइल सेना में शामिल की जा चुकी हैं।
- यह मिसाइल अपने प्रक्षेपण के प्रारंभिक चरण में ही केवल निर्देशित की जाती है, इसके बाद का पथ आर्बटिल मैकेनिक के सिद्धांतों एवं बैलेस्टिक सिद्धांतों से निर्धारित होता है। अभी तक इन्हें रासायनिक राकेट इंजन द्वारा प्रक्षेपित किया जाता है।