51वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव: गोल्डन पिकॉक पुरस्कार

गोवा में संपन्न हुए 51वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में द्वितीय विश्व युद्ध पर आधारित एंडर्स रेफन द्वारा निर्देशित फिल्म ‘इनटू द डार्कनेस’ (Into the Darkness-डी फॉरबैंडेड ऑर) ने प्रतिष्ठित गोल्डन पिकॉक पुरस्कार जीता । गोल्डन पिकॉक पुरस्कार में 40 लाख रुपये की नकद राशि भी शामिल है जो निर्देशक एंडर्स रेफन और निर्माता लेने बरग्लम के बीच बराबर साझा की जाएगी। इसके अलावा दोनों को एक-एक प्रमाण पत्र भी दिया गया है।

(Image credit: PIB)
  • सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का सिल्वर पिकॉक पुरस्कार: सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का सिल्वर पिकॉक पुरस्कार ताइवान की निर्देशक, लेखिका और निर्माता चेन-नियेन को, उनकी 2020 में आई मंदारिन भाषा की ड्रामा फिल्म ‘द साइलेंट फॉरेस्ट’ के लिए दिया गया। ये फिल्म विशेष जरूरतों वाले बच्चों के एक स्कूल में होने वाले यौन शोषण की दिल दहला देने वाली कहानी बयां करती है।
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) के लिए सिल्वर पिकॉक: सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष) के लिए सिल्वर पिकॉक पुरस्कार 17 साल के त्शू शुआन-लियू को दिया गया है, जिन्होंने ‘द साइलेंट फ़ॉरेस्ट’ के मुख्य किरदार चांग चेंग के रूप में अपनी अदाकारी के जरिए विशेष बच्चों की दुनिया को खूबसूरती से और ताकतवर ढंग से दिखाया है। इस पुरस्कार में 10 लाख रुपये की नकद राशि और प्रमाणपत्र शामिल है।
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (महिला) का सिल्वर पिकॉक पुरस्कार: सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (महिला) का सिल्वर पिकॉक पुरस्कार पोलैंड की अदाकारा ज़ोफ़िया स्टाफिए को पियोत्र दोमालेवस्की की फिल्म ‘आई नेवर क्राई / याक नाईदालेइ स्टाद’ में उनकी भूमिका के लिए दिया गया है। स्टाफिए को पुरस्कार के रूप में एक प्रमाण पत्र और 10 लाख रुपये नगद मिले हैं। स्टाफिए को उनकी फिल्म ’25 लात निवीनोश्ची. स्प्रावा तोमका कॉमेंदी’ और ‘मार्चेल’ के लिए भी जाना जाता है।
  • विशेष ज्यूरी पुरस्कार: आईएफएफआई-51 का विशेष ज्यूरी पुरस्कार बुल्गेरिया के निर्देशक कामिन कालेव को उनकी 2020 में आई फिल्म ‘फेबरुएरी’ के लिए मिला है। कालेव को एक सिल्वर पिकॉक, एक प्रमाण पत्र और 15 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया है।
  • आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पुरस्कार: प्रतिष्ठित आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पुरस्कार एक ऐसी फिल्म को दिया जाता है जो महात्मा गांधी के शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शों को प्रदर्शित करती है। ये पुरस्कार अमीन नायेफे को उनकी 2020 में आई अरबी फिल्म ‘200 मीटर्स’ के लिए दिया गया।

(PIB)

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