भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 04 MAY 2021 को दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) को 5जी तकनीक के उपयोग और एप्लीकेशन के लिए परीक्षण करने की अनुमति दे दी।
- आवेदक कंपनियों में भारती एयरटेल लिमिटेड, रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड, वोडाफोन इंडिया लिमिटेड और एमटीएनएल शामिल हैं। इन कंपनियों (टीएसपी) ने मूल उपकरण निर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ समझौता किया है। जिसमें एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट शामिल हैं। इसके अलावा रिलायंस जिओ इंफोकॉम लिमिटेड भी अपनी स्वदेशी तकनीक का उपयोग करते हुए परीक्षण करेगी।
- डीओटी ने यह मंजूरी टीएसपी द्वारा पहचान की गई प्राथमिकताओं और प्रौद्योगिकी सहयोगी कंपनियों के आधार पर दी है।
- प्रयोग के लिए यह स्पेक्ट्रम विभिन्न बैंडों में दिया जा रहा है जिसमें मिड-बैंड (3.2 गीगाहर्ट्ज़ से 3.67 गीगाहर्ट्ज़), मिलीमीटर वेव बैंड (24.25 गीगाहर्ट्ज़ से 28.5 गीगाहर्ट्ज़) और सब-गीगाहर्ट्ज़ बैंड (700 गीगाहर्ट्ज़) शामिल हैं। टीएसपी को इसके अलावा 5 जी परीक्षणों के संचालन के लिए उनके मौजूदा स्पेक्ट्रम (800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज) के तहत ट्रॉयल की अनुमति होगी।
- 5 जी तकनीक से डेटा डाउनलोड दरों (4 जी के 10 गुना होने की उम्मीद) है। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेगी। जिसके जरिए स्पेक्ट्रम क्षमता से तीन गुना अधिक उपयोग किया जा सकेगा। और उद्योग जगत को 4.0 एप्लीकेशन के लिए सक्षम कर सकेगा। इन एप्लीकेशंस का इस्तेमाल कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, यातायात प्रबंधन, स्मार्ट शहरों, स्मार्ट घरों और आईओटी(इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स) में हो सकेगा।