केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 फ़रवरी 2020 को सतत मात्सियकी (Sustainable Fisheries Development) के क्षेत्र में भारत और आइसलैंड के बीच समझौता ज्ञापन को मंजूरी दी। इस समझौता ज्ञापन पर भारत और आइसलैंड ने 10 सितंबर, 2019 को हस्ताक्षर किए थे।
समझौता ज्ञापन की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- अपतटीय और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाले पूरे क्षेत्र में वैज्ञानिक और तकनीकी विशेषज्ञों के आदान-प्रदान तथा विशेष रूप से सही स्थानों पर इनकी नियुक्ति के लिए सुविधाएं जुटाना।
- आधुनिक मत्स्य पालन प्रबंधन और प्रसंस्करण के क्षेत्र में मात्सियकी पेशेवरों के प्रशिक्षण की व्यवस्था।
- मत्स्य पालन के क्षेत्र में वैज्ञानिक अध्ययनों और अनुसंधानों से प्राप्त जानकारियों और अन्य सूचनाओं को साझा करना।
- उद्यमिता विकास के लिए गहरे समुद्रों से प्राप्त होने वाले मत्स्य उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों और विशेषज्ञताओं का आदान-प्रदान करना।
यह समझौता ज्ञापन भारत और आइसलैंड के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को ओर मजबूत बनाएगा और मत्स्य पालन क्षेत्र के साथ ही द्विपक्षीय मुद्दों से जुड़े विषयों में आपसी परामर्श और सहयोग को बढ़ावा देगा।