उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल ने 16 फरवरी, 2018 को वित्त वर्ष 2018-19 का राज्य बजट पेश किया। उत्तर प्रदेश बजट 2018-19 की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
बजट अनुमान
- बजट का आकार 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये (4,28,384.52 करोड़ रुपये) है, जो वर्ष 2017-2018 के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत अधिक है।
- बजट में 14 हजार 341 करोड़ 89 लाख रुपये (14,341.89 करोड़ रुपये) की नई योजनायें सम्मिलित की गई हैं।
- प्राप्तियांः वर्ष 2018-2019 में 4 लाख 20 हजार 899 करोड़ 46 लाख रुपये (4,20,899.46 करोड़ रुपये) की कुल प्राप्तियाँ अनुमानित हैं। कुल प्राप्तियों में 3 लाख 48 हजार 619 करोड़
- 37 लाख रुपये (3,48,619.37 करोड़ रुपये) की राजस्व प्राप्तियाँ तथा 72 हजार 280 करोड़ 09 लाख रुपये (72,280.09 करोड़ रुपये) की पूंजीगत प्राप्तियाँ सम्मिलित हैं।
- राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 2,56,248.40 रुपये है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 1 लाख 22 हजार 700 करोड़ रुपये तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 1 लाख 33 हजार 548 करोड़ 40 लाख रुपये सम्मिलित है।
- व्ययः कुल व्यय 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये अनुमानित है। कुल व्यय में 3 लाख 21 हजार 520 करोड़ 27 लाख रुपये राजस्व लेखे का व्यय है तथा 1 लाख 06 हजार 864 करोड़ 25 लाख रुपये पँूजी लेखे का व्यय है।
- राजस्व बचतः वर्ष 2018-2019 में 27 हजार 99 करोड़ 10 लाख रुपये की राजस्व बचत अनुमानित है।
- राजकोषीय घाटाः वित्तीय वर्ष 2018-2019 में 44 हजार 53 करोड़ 32 लाख रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है जो वर्ष 2018-2019 के लिये अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.96 प्रतिशत है।
कृषि एवं संबद्ध सेवायें
- वर्ष 2018-2019 में खाद्य उत्पादन का लक्ष्य 581 लाख 60 हजार मीट्रिक टन तथा तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 11 लाख 28 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।
- बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खेत-तालाब योजना के अन्तर्गत आगामी वर्ष में 5 हजार तालाबों के निर्माण का लक्ष्य है।
- सोलर फोटो वोल्टाइक इरीगेशन पम्पों की स्थापना के लिए 131 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- स्प्रिंकलर सिंचाई योजना के अन्तर्गत किसानों को सब्सिडी हेतु 24 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
- पं दीनदयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना हेतु लगभग 75 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है
- देशी नस्ल की गायों के माध्यम से सर्वाधिक गौ दुग्ध उत्पादन करने वाले दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने की नई नन्द बाबा पुरस्कार योजना हेतु 52 लाख रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है साथ ही गोकुल पुरस्कार हेतु 54 लाख रुपये प्रस्तावित है।
- मछुआरों के कल्याण हेतु मत्स्य पालक कल्याण फण्ड की स्थापना किये जाने के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
ग्रामीण विकास
- प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीणः 11 हजार 500 करोड़ रुपये,
- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशनः 1 हजार 40 करोड़ रुपये,
- श्यामा प्रसाद रूर्बन मिशनः 214 करोड़ रुपये,
- राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रमः 1 हजार 500 करोड़ रुपये,
- राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रमः 120 करोड़ रुपये
- मुख्यमंत्री आवास योजनाः 200 करोड़ रुपये
पंचायती राज
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजनाः 5 हजार करोड़ रुपये
- मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना में उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहनः 20 करोड़ रुपये
- निःशुल्क बोरिंग योजनाः 36 करोड़ रुपये
समाज कल्याण
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- सामान्य वर्ग एवं अनुसूचित जातियों के कल्याण एवं विकास की योजनाओं के लिये लगभग 7 हजार 858 करोड़ रुपये,
- गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले सभी वर्गों के परिवारों की पुत्रियों की शादी हेतु मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना प्रारम्भ की गयी है जिसके लिये 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था,
- अनुसचित जाति तथा सामान्य वर्ग के निर्धन परिवारों की पुत्रियों की शादी हेतु क्रमशः 121 करोड़ रुपये व 82 करोड़ रुपये,
- राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना हेतु वित्तीय वर्ष 2018-2019 में 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- महिला कल्याणः विभिन्न कार्यक्रमों हेतु लगभग 8 हजार 815 करोड़ रुपये की व्यवस्था, किशोरी बालिका सशक्तीकरण योजना सबला हेतु लगभग 351 करोड़ रुपये की व्यवस्था, पुष्टाहार कार्यक्रम के अन्तर्गत समन्वित बाल विकास परियोजनाओं में पोषाहार हेतु 3 हजार 780 करोड़ रुपये की व्यवस्था, शबरी संकल्प योजना हेतु 524 करोड़ रुपये की व्यवस्था, निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान हेतु 1 हजार 263 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- पिछड़ा वर्ग कल्याणः पिछड़ा वर्ग कल्याण की योजनाओं हेतु 1 हजार 705 करोड़ रुपये की व्यवस्था, पिछड़े वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था व पिछड़े वर्ग के छात्र एवं छात्रओं के लिये शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के अंतर्गत 551 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- दिव्यांग कल्याणः दिव्यांग पेंशन योजना के अंतर्गत 575 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कृत्रिम अंग तथा सहायक उपकरण योजना के अंतर्गत 33 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- कुष्ठावस्था भरण-पोषण (पेंशन) योजना के अंतर्गत 18 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- अल्पसंख्यक कल्याणः प्रदेश में अल्पसंख्यकों के विकास एवं कल्याण की योजनाओं के लिये 2 हजार 757 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है
- नियोजनः बार्डर एरिया डेवलपमेन्ट कार्यक्रम के लिये लगभग 57 करोड़ रुपये व विकास कार्यों को त्वरित गति से क्रियान्वित करने हेतु त्वरित आर्थिक विकास योजना के अन्तर्गत 1 हजार एक सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
- प्राविधिक शिक्षाः रूसा योजना के अन्तर्गत जनपद गोण्डा एवं बस्ती में 2 इन्जीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना; जनपद कन्नौज, सोनभद्र तथा मैनुपरी में इंजीनियरिंग कॉलेजों के संचालन हेतु वित्तीय वर्ष 2018-2019 में लगभग 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था, राज्य के संसाधानों से मिर्जापुर तथा प्रतापगढ़ में नये इंजीनियरिंग कॉलेज निर्माणाधीन हैं जिसके लिये 12 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
- माध्यमिक शिक्षाः प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा के स्तर को सुधारने हेतु माध्यमिक शिक्षा अभियान हेतु 480 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- उच्च शिक्षाः राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान हेतु 167 करोड़ रुपये एवं मॉडल महाविद्यालयों की स्थापना हेतु 37 करोड़ रुपये की व्यवस्था, अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना हेतु 21 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- न्यायः युवा अधिवक्ताओं को कार्य के शुरूआती 3 वर्षों के लिए पुस्तक एवं पत्रिकाएं खरीदनें हेतु आर्थिक सहायता दिये जाने के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- इलाहाबाद में 395 करोड़ रुपये की लागत से न्याय ग्राम टाउनशिप का निर्माण प्रारम्भ किया गया है।
- इस वर्ष 24 नई स्थायी लोक अदालतों के गठन के साथ उत्तर प्रदेश, देश का ऐसा पहला राज्य हो गया है, जहाँ पर समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों में स्थायी लोक अदालतें गठित हो गई हैं।
- खेलः एकलव्य क्रीड़ा कोष की स्थापना के लिये 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- पर्यटनः राज्य में पर्यटन को उद्याेग का दर्जा देने के लिए नई पर्यटन नीति- 2018 प्रख्यापित की गई है। इस नीति में रामायण परिपथ, ब्रज कृष्ण परिपथ, बौद्ध परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, सूफी परिपथ, बुंदेलखण्ड परिपथ एवं जैन परिपथ को परिकल्पित करते हुए आकर्षक अनुदान प्रदान किए गए हैं। नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- ब्रज परिक्षेत्र में तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद की स्थापना की गई है तथा वहाँ पर अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
- गोरखपुर में आधुनिक प्रेक्षागृह का निर्माण कराया जा रहा है।
- जीएसटी अनुमानः जीएसटी से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 71 हजार 500 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
- आबकारी शुल्कः आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह का लक्ष्य 23 हजार करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।
नगर विकास
- कुम्भ मेला 2019 हेतु बजट में 1 हजार 500 करोड़ रुपये राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिाकरण द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं हेतु राज्यांश के रूप में बजट में 240 करोड़ रुपये,
- प्रधाानमंत्री आवास योजना- सबके लिए आवास (शहरी) मिशन योजना हेतु वर्ष 2018-2019 में 2 हजार 217 करोड़ रुपये,
- लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, अलीगढ़, झाँसी मुरादाबाद, बरेली तथा सहारनपुर हेतु स्मार्ट सिटी मिशन योजना के अन्तर्गत 1 हजार 650 करोड़ रुपये,
- स्वच्छ भारत मिशन हेतु 1 हजार एक सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था,
- अमृत योजना के लिये 2 हजार 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था,
- प्रत्येक जनपद में एक नगर पंचायत को विकसित किये जाने के उद्देश्य से पं दीनदयाल उपाध्याय आदर्श नगर पंचायत योजना के लिये 200 करोड़ रुपये,
- कान्हा गौ-शाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना हेतु बजट में 98 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था,
- प्रदेश के नगरीय क्षेत्रें में ‘मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित एवं मलिन बस्ती विकास योजना’ के अन्तर्गत मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु 426 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।
- शहर विकासः दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ कारिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना हेतु 250 करोड़ रुपये व प्रदेश में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है।
- सौर ऊर्जाः सरकार द्वारा सौर ऊर्जा नीति- 2017 में निजी सहभागिता से 2022 तक कुल 10 हजार 700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनायें स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
- पं दीन दयाल उपाध्याय सोलर स्ट्रीट लाइट योजना हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
औद्योगिक विकासः
- औद्योगिक निवेश नीति- 2012 हेतु 600 करोड़ रुपये तथा नई औद्योगिक नीति हेतु 500 करोड़ रुपये,
- बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्यों हेतु वर्ष 2018-2019 के बजट में 650 करोड़ रुपये
- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्यों हेतु 550 करोड़ रुपये,
- पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 1 हजार करोड़ रुपये तथा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 500 करोड़ रुपये
- सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमः एक जनपद, एक उत्पाद योजना को क्रियान्वित किये जाने हेतु 250 करोड़ रुपये,
- मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेतु 100 करोड़ रुपये,
- हथकरघा एवं वस्त्र: उत्तर प्रदेश हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स एण्ड गारमेंटिंग नीति-2017 हेतु 50 करोड़ रुपये, पॉंवरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराये जाने हेतु 150 करोड़ रुपये।
- खादी एवं ग्रामोद्योगः खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सतत् स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के क्रियान्वयन हेतु 25 करोड़ रुपये, पं- दीन दयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना के क्रियान्वयन हेतु 10 करोड़ रुपये, पं- दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना हेतु 20 करोड़ रुपये।
- आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्सः समस्त शासकीय कार्यालयों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू किये जाने हेतु 30 करोड़ रुपये, स्टार्ट-अप फण्ड की स्थापना के लिये 250 करोड़ रुपये।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
- ग्रामीण क्षेत्र हेतु 2 हजार आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनाती,
- प्रथम बार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 595 दन्त शल्यकों के पद सृजित, पीपीपी मोड पर 170 नेशनल मोबाईल मेडिकल यूनिट का संचालन,
- ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नये आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना,
- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के लिए 291 करोड़ रुपये,
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना फेज-3 के अन्तर्गत 4 मेडिकल कालेजों यथा-झाँसी, गोरखपुर, इलाहाबाद तथा मेरठ में उच्चीकृत सुपर स्पेशियलिटी विभाग बनाना तथा 2 मेडिकल कॉलेजों कानपुर एवं आगरा में सुपर स्पेशियलिटी विभाग बनाये जाने हेतु कुल 126 करोड़ रुपये,
- प्रदेश में पहली बार रोबोटिक सर्जरी को प्रारम्भ प्रारंभ की जाएगी,
- केजीएमयू में आर्गन ट्रान्सप्लाण्ट यूनिट स्थापित करना,
- डा. राम मनोहर लोहिया इन्स्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में 150 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश पहली बार,
- प्रदेश के पाँच जनपदों फैजाबाद, बस्ती, बहराइच, फिरोजाबाद एवं शाहजहाँपुर के जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर राजकीय मेडिकल कालेज के रूप में पूर्ण किये जाने हेतु 500 करोड़ रुपये,
- राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोयडा में शैक्षणिक सत्र 2018-2019 में एमबीबीएस की 100 सीटों पर पाठ्यक्रम प्रारम्भ का प्रस्ताव,
- राजकीय मेडिकल कॉलेज कानपुर, गोरखपुर, आगरा और इलाहाबाद में बर्न यूनिट की स्थापना की जायेगी जिसके लिये 14 करोड़ रुपये,
- राजकीय मेडिकल कालेजों तथा हृदय रोग संस्थान एवं कैंसर संस्थान, कानपुर में ई-हास्पिटल सिस्टम संचालित किये जाने की कार्यवाही।
- वन एवं पर्यावरणः सबमिशन ऑन एग्रोफॉरेस्ट्री योजना हेतु 20 करोड़ रुपये तथा कुकरैल वन क्षेत्र में पर्यटन एवं जैव विविधता केन्द्र की स्थापना,
- राजस्वः प्रदेश में भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 42 करोड़ रुपये की व्यवस्था, आम आदमी बीमा योजना हेतु 10 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ हेतु 130 करोड़ 60 लाख रुपये एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना हेतु 4 करोड़ 75 लाख रुपये।
- खाद्य तथा रसदः वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिानियम- 2013 के अन्तर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में चयनित लाभार्थियों हेतु कुल गेहूँ 4 लाख 75 हजार मीट्रिक टन तथा कुल चावल 3 लाख 24 हजार मीट्रिक टन अर्थात् कुल 7 लाख 99 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न का प्रतिमाह आवंटन करते हुए प्रतिमाह वितरण कराया जा रहा है।
- सड़क एवं सेतुः लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश में सड़कों के निर्माण कार्यों हेतु 11 हजार 343 करोड़ रुपये, पुलों के निर्माण के लिये 1 हजार 817 करोड़ रुपये, मार्गों के नवीनीकरण, अनुरक्षण एवं मरम्मत कार्य के लिये वर्ष 2018-2019 में 3 हजार 324 करोड़ रुपय, आरआईडीएफ योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मार्गों के नव निर्माण, चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण तथा सेतुओं के निर्माण हेतु 920 करोड़ रुपये, विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल की विशेष परियोजनाओं हेतु 300 करोड़ रुपये तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिये 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था, सड़कों के अनुरक्षण हेतु राज्य सड़क निधि में 1 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था, केन्द्रीय मार्ग निधि योजना के अन्तर्गत मार्गों के निर्माण, चौड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण हेतु 2 हजार 200 करोड़ रुपये, जिला मुख्यालयों को फोर लेन सड़कों से जोड़े जाने हेतु 1 हजार 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था, शहरों के बाईपास, रिंग रोड, फ्लाईओवर के निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपये, ग्रामीण अंचलों में नदियों एवं बड़े नालों पर पुलों के निर्माण हेतु 1 हजार 467 करोड़ रुपये तथा रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 350 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हतु 2 हजार 873 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है।