- आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में 6 फरवरी, 2019 को 12000 मेगावॉट की ग्रिड कनेक्टिड सौर फोटोवॉल्टिक (पीवी) विद्युत परियोजनाओं की स्थापना के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसयू) परियोजना चरण-2 के कार्यान्वयन के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
- इन परियोजनाओं की स्थापना स्व उपयोग अथवा सरकार के उपयोग या केंद्र और राज्य सरकारों की इकाइयों के उपयोग हेतु सरकारी निर्माताओं द्वारा 8,580 करोड़ रुपये की कम पड़ती धनराशि के प्रबंध (वीजीएफ) के साथ की जाएगी।
- 12000 मेगावॉट या उससे अधिक क्षमता वाली ग्रिड कनेक्टिड सौर विद्युत परियोजनाओँ की स्थापना सरकारी निर्माताओं द्वारा 4 वर्ष की अवधि अर्थात 2019-20 से 2022-23 में सरकारी निर्माता योजना में विनिर्दिष्ट निबंधन एंव शर्तों के अनुरूप की जाएगी।
- यह योजना सौर फोटोवॉल्टिक (एसपीवी) सेल और मॉड्यूल्स दोनों के उपयोग के लिए अधिदेशित है और इसका निर्माण घरेलू स्तर पर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा निर्धारित विनिर्देशों और परीक्षण आवश्यकताओं के अनुरूप किया जाएगा।
- उपरोक्त उल्लिखित परियोजना के कार्यान्वयन के साथ, 12000 मेगावॉट या उससे अधिक क्षमता वाली ग्रिड कनेक्टिड सौर फोटोवॉल्टिक विद्युत परियोजनाओं की स्थापना सरकारी निर्माताओं द्वारा 4 वर्ष की अवधि अर्थात 2019-20 से 2022-23 में की जाएगी, इस प्रकार लगभग 48000 करोड़ रुपये की राशि का निवेश सृजित होगा।
- यह योजना सरकारी निर्माताओं को सौर सेल और मॉड्यूल्स घरेलू विनिर्माताओं से खरीदने के लिए प्रोत्साहित करने के जरिये ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित होगी। यह योजना अगले 3 से 4 वर्षों के लिए घरेलू स्तर पर निर्मित सौर पीवी सेल और मॉड्यूल्स के लिए पर्याप्त मांग उत्पन्न करेगी।
- 12000 मेगावॉट क्षमता वाली सौर विद्युत परियोजनाओँ की स्थापना के प्रस्ताव से लगभग 60,000 लोगों को प्री-कमीशनिंग गतिविधियों/ निर्माण के चरण के दौरान एक साल की अवधि के लिए तथा लगभग 18,000 व्यक्तियों को लगभग 25 वर्षों की परिचालन और अनुरक्षण अवधि के लिए सीधे रोजगार मिलेगा। इसके अलावा सौर विद्युत परियोजनाओं की स्थापना तथा घरेलू स्तर पर सेल और मॉड्यूल्स के निर्माण कार्य में स्थानीय आबादी के लिए रोजगार के 1,20,000 अतिरिक्त अवसरों का भी सृजन होगा।