- राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद द्वारा 12 फरवरी, 2018 को राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस मनाया गया।
- राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताहः 12-18 फरवरी तक राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह भी मनाया जा रहा है।
- संयोगवश वर्ष 2018 राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद की 60वीं वर्षगांठ हैं और इसे हीरक हीरक जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।
- थीमः इस वर्ष राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह-2018 की थीम है ‘उद्योग 4.0-भारत के लिए बड़ी छलांग लगाने का अवसर’।
- उद्योग 4.0ः उद्योग 4.0 से तात्पर्य चौथी औद्योगिक क्रांति है। इसे अगली औद्योगिक क्रांति कहा गया हैं। इसके अंतर्गत अधिक डिजीटाइजेशन और उत्पादों, वैल्यू चैन, व्यापार के मॉडल को एक दूसरे से अधिक जोड़ने के परिकल्पना की गई है। उद्योग 4.0 के अंतर्गत निर्माण में परम्परागत और आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर वास्तविक और आभासी विश्व का गठजोड़ किया जायेगा। इसके परिणाम ‘स्मार्ट फैक्टरी’ के रूप में सामने आएगा जिनमें कई कौशल का प्रयोग, संसाधनों का बेहतर प्रयोग, दक्षता योग्य डिजाइन और व्यापारिक भागीदारकों के बीच सीधा संपर्क संभव हो सकेगा।
- पहली औद्योगिक क्रांति पानी और भाप की शक्ति के कारण हुई, जिसने मानव श्रम को यांत्रिकी निर्माण में परिवर्तित किया। दूसरी औद्योगिक क्रांति विद्युत शत्तिफ़ के कारण हुई जिसके कारण बड़े स्तर पर उत्पादन संभव हो सका। तीसरी औद्यगिकी क्रांति ने इलैक्ट्रोनिक और सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग द्वारा स्वचालित निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। चौथी औद्योगिकी क्रांति वर्तमान में जारी है और इसमें ऑटोमेशन और निर्माण प्रौद्योगिकी में आंकड़ों का आदान-प्रदान किया जा रहा है।
- विनिर्माण व भारतः जहां तक भारत का सवाल है तो आज भारतीय अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र की अधिक भूमिका है और देश की जीडीपी में इसका सर्वाधिक योगदान है। परंतु निर्माण क्षेत्र की भूमिका को भी नकारा नहीं जा सकता। निर्माण क्षेत्र विशेष तौर पर सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योग क्षेत्र की भारतीय अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका हैं और यह कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक रोजगार प्रदान करता हैं। रोजगार के साथ विकास को जोड़ने के लक्ष्य के अनुरूप देश में सकल घरेलू उत्पाद में निर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाने की आवश्यकता हैं। इसी परिप्रेक्ष्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2014 में ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम आरंभ किया।
- सकल घरेलू उत्पाद में निर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी वर्ष 2022 तक 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने और 100 मिलियन अधिक रोजगार सृजित करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद के बारे में
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- एक राष्ट्रीय स्तर के संगठन के रूप में राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद् की स्थापना केंद्रीय उद्योग मंत्रालय द्वारा 1958 में की गई।
- एक एक स्वायतशासी, बहुपक्षीय, गैर-लाभकारी संगठन है जिसमें सरकार तथा नियोक्ता एवं कर्मचारियों की समान भागीदारी है।
- यह परिषद् टोक्यो स्थित अंतर-सरकारी निकाय ‘एशियाई उत्पादकता संगठन (एपीओ)’ का भी हिस्सा है जिसका भारत सरकार संस्थापक सदस्य है।