- मोलेक्युलर ह्यूमन रीप्रोडक्शन जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार इंगलैंड के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों ने पहली बार प्रयोगशाला में मानव अंडाणु को पूरी तरह विकसित करने में सफलता हासिल की है। अर्थात पहली बार मानव शरीर से बाहर प्रयोगशाला में प्रारंभ से पूर्ण अवस्था तक मानव अंडाणु विकसित किए।
- शोध से जुड़े वैज्ञानिक एवलिन टेलफर के अनुसार प्रयोगशाला में पूर्ण मानव अंडाणु के विकास से बांझपन दूर करने के मौजूदा उपचार का विस्तार हो सकता है।
- वैज्ञानिकों ने ओवरी (गर्भाशय) के अविकसित टिश्यू की मदद से बनाए अंडाणुओं को प्रारंभिक अवस्था से लेकर पूर्ण अवस्था तक विकसित किया। अब तक यह सिर्फ चूहों में ही संभव हो सका था।
किनके लिए है खुशी की खबर
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- इससे बांझपन की समस्या को दूर करने के लिए नए उपचार के विकास का रास्ता ऽुलेगा
- मानव अंडाणु के विकास को समझने में मदद मिलेगी,
- उन महिलाओं के लिए भी उम्मीद की नई किरण हो सकती है जिन्हें कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी के चलते मां बनने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
- जो महिलाएं बाद में बच्चा चाहती हैं, उनकी आशा भी पूरी होगी।