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- विप्रो कंपनी की ‘विप्रो लाइटिंग’ ने स्मार्ट लाइटिंग सॉल्युशंस ‘इंटरनेट ऑफ लाइटिंग’(Internet of Lighting-IoL) का फरवरी 2018 के प्रथम सप्ताह में अनावरण किया। विप्रो ने इस तरह के स्मार्ट उपकरण विकसित करने के लिए सिस्को जैसी कंपनियों के साथ समझौता किया है।
- आज की स्मार्ट घरों, स्मार्ट बिल्डिंग या स्मार्ट कार्यालयों के लिए उपयुक्त सॉल्युशंस है ‘इंटरनेट ऑफ लाइटिंग’। ऊर्जा दक्षता या एनर्जी एफिसिएंसी बढ़ाने की दिशा में ही एक पहल है।
- आज ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ (Internet of Things-IoT) का जमाना है जहां हमारी बुनियादी वस्तुएं या उपकरण इंटरनेट द्वारा जुड़ी होती हैं और हमारी इच्छा के मुताबिक स्वतः संचालित होती है। इंटरनेट ऑफ लाइटिंग भी इंटरनेट ऑफ थिंग्स का हिस्सा है। इसमें लाइटिंग उपकरणों को सेंसर से जोड़ा जाता है और हमारी आवश्यकताओं एवं आसपास के माहौल के उपलब्ध प्रकाश के अनुसार स्वतः ऑन या ऑफ होते हैं।
- इंटरनेट ऑफ लाइटिंग के तहत कोई उपभोक्ता लाइट की कलर या इंटेंसिटी को नियंत्रित किया जा सकता है।
- इसमें बुनियादी इलेक्ट्रिक तारों के बजाय कंप्यूटर व सर्वर को लाइटिंग सिस्टम से जोड़ने वाली डाटा केबल का उपयोग इसमें किया जाएगा। ये केबल न केवल बिजली उपलब्ध कराते हैं बल्कि डाटा का भी प्रवाह करते हैं जिसके माध्यम से हम लाइटिंग को नियंत्रित कर सकते हैं।