मुख्यमंत्री के अध्यक्षता वाला हरियाणा मंत्रिमंडल ने धर्मांतरण रोकथाम विधेयक, 2022 के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इसे अब राज्य विधानसभा में पेश किया जायेगा।
- इस कानून के तहत धर्मांतरण के पहले डीसी को सूचना देनी होगी।
- मसौदे का उद्देश्य “बहका कर, जबरन, अनुचित प्रभाव, लालच दे कर, धोखा दे कर, शादी कर या शादी के लिए धर्मांतरण कराने” को अपराध घोषित करना है।
- मसौदे के अनुसार जिसके खिलाफ धोखे से या जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया जाएगा खुद को बेगुनाह करने की जिम्मेदारी उसी की होगी।
- इसके अलावा एक प्राधिकरण नियुक्त किया जाएगा जिसे हर धर्म बदलने वाले व्यक्ति को यह जानकारी देने होगी कि वो अपनी मर्जी से धर्म बदल रहा है या नहीं। प्राधिकरण फिर इन दावों की जांच भी करेगा। विशेष रूप से दूसरे धर्म में शादियों के मामले में धर्मांतरण इस कानून के हिसाब से अवैध पाए जाने पर इस प्राधिकरण के पास शादी को रद्द करने की शक्ति भी होगी।
- उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड में ऐसे कानून बनाये जा चुके हैं। कर्णाटक विधानसभा भी धर्मांतरण रोकथाम विधेयक पारित कर चुका है।