400 मीटर लम्बे एवर गिवेन मालवाहक जहाज स्वेज नहर में फंसा हुआ है। इससे जहाजों की आवाजाही में जबर्दस्त बाधा उत्पन्न हो गई है और संबंधित पक्षों को इससे बहुत नुकसान हो रहा है।
- इस जहाज के चालक दल के सभी सदस्य भारतीय हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं। ये दल सोशल मीडिया में सवालों के घेरे में है।
- कंटेनर शिप एवर गिवेन के फंसने से करीब 321 जहाज स्वेज नहर के दोनों किनारों पर जमा हो गए हैं। कई जहाजों पर तो पशु लदे हैं और उन्हें अगर तय समय पर नहीं निकाला गया तो उनकी मौत हो सकती है।
12 प्रतिशत वैश्विक व्यापार
- इस नहर से करीब 12 प्रतिशत वैश्विक व्यापार होता है। यह जलमार्ग तेल ले जाने के लिए अहम है। इसके जरिए मध्य एशिया से तेल और गैस की आपूर्ति यूरोप में की जाती है जो इसके बंद होने से प्रभावित हो सकती है।
- वर्ष 2019 के आकंड़ों के अनुसार प्रति दिन इस नहर से करीब 50 जहाज गुजरते हैं। वहीं1869 में इस रास्ते से एक दिन में सिर्फ 3 जहाज गुजरते थे।
स्वेज नहर मानव निर्मित
- स्वेज नहर मानव निर्मित जलमार्ग है। यह नहर लाल सागर और भूमध्य सागर को जोड़ती है। यह पूरी दुनिया में समुद्र के रास्ते होनेवाला अहम व्यापार मार्ग है। इसकी वजह से भारत में कच्चा तेल, दूसरे पेट्रोलियम उत्पादन के आपूर्ति में देरी हो रही है और जहाज के परिवहन भाड़े में भी बढ़त हो रही है।
- इस नहर का वर्ष 2015 में विस्तार किया गया। इसकी लंबाई 193.30 किलोमीटर और गहराई 24 मीटर है। 2015 में किए गए विस्तार की वजह से इस रास्ते से दुनिया के बड़े से बड़े ट्रैकर भी गुजर सकते हैं।
- इस स्वेज नहर के जरिए अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर के बीच तेजी से रास्ता तय किया जा सकता है। इसी वजह से इस मार्ग पर काफी ट्रैफिक रहता है।