भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने अपने “वेस्ट टू वेल्थ” मिशन के तहत “स्वच्छता सारथी फैलोशिप 2022” की घोषणा की है।
- इसका लक्ष्य स्वच्छता सारथी के रूप में अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट जागरूकता अभियान, अपशिष्ट सर्वेक्षण आदि जैसे सामुदायिक कार्यों और हरित धरती के लिए कचरे को कम करने के लिए कार्यों को पूरा करने में लगे युवा नवोन्मेषकों को सशक्त बनानाहै।
- वेस्ट टू वेल्थ मिशन प्रधानमंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (पीएम-एसटीआईएसी) के नौ राष्ट्रीय मिशनों में से एक है।
- वैज्ञानिक और स्थायी रूप से अपशिष्ट प्रबंधन की विशाल चुनौती से निपटने में लगे छात्रों, सामुदायिक कार्यकर्ताओं / स्वयं सहायता समूहों, और नगरपालिका / स्वच्छता कार्यकर्ताओं को मान्यता प्रदान करने के उद्देश्य से 2021 में फेलोशिप की शुरुआत की गई थी।
- फेलोशिप के तहत अधिकतम 500 फेलो को मान्यता दी जाएगी। 2022 के फेलोशिप के माध्यम से अपशिष्ट प्रबंधन के सामुदायिक कार्य में लगे युवा नवप्रवर्तकों के प्रयासों को और सशक्त बनाना और पहचान दिलाना है और स्वच्छता सारथी के रूप में जमीन पर अपशिष्ट योद्धाओं का एक विस्तृत नेटवर्क बनाना है।
- यह फेलोशिप इच्छुक छात्रों और नागरिकों को शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे को कम करने के अपने प्रयासों में लगातार जुड़े रहने के लिए सशक्त बनाएगी।
फेलोशिप के तहत पुरस्कारों की तीन श्रेणियां नीचे दी गई हैं:
- 1. श्रेणी-ए – अपशिष्ट प्रबंधन सामुदायिक कार्य में लगे 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूली छात्रों के लिए खुला है। फेलोशिप के रूप में 1 वर्ष की अवधि के लिए प्रतिमाह 500/-रुपये की राशि दी जाएगी।
- 2. श्रेणी-बी – अपशिष्ट प्रबंधन सामुदायिक कार्य में लगे कॉलेज के छात्रों (स्नातक, स्नातकोत्तर, शोध छात्रों) के लिए खुला है। फेलोशिप के रूप में 1 वर्ष की अवधि के लिए प्रतिमाह 1,000/- रुपये की राशि दी जाएगी।
- 3. श्रेणी-सी – स्वयं सहायता समूह अथवा या स्वच्छता कार्यकर्ता। एक स्वयं सहायता समूह से अधिकतम 2 नागरिक आवेदन कर सकते हैं। फेलोशिप के रूप में 1 वर्ष की अवधि के लिए प्रतिमाह 2,000/- रुपए की राशि दी जाएगी।
- फेलोशिप के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 04 अप्रैल, 2022 है।
वेस्ट टू वेल्थ मिशन
- वेस्ट टू वेल्थ मिशन, प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (पीएमएसटीआईएसी) के नौ वैज्ञानिक मिशनों में से एक है।
- भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय के नेतृत्व में मिशन का उद्देश्य उन प्रौद्योगिकियों की पहचान, परीक्षण और सत्यापन करना है जो कचरे मूल्य वर्धित संसाधन के रूप में रूपांतरित करती हैं और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य हैं।