वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा 19 अप्रैल 2021 को स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना (Startup India Seed Fund Scheme: SISFS) की शुरूआत की गई।
- इस फंड का उद्देश्य स्टार्टअप्स की अवधारणा, प्रोटोटाइप विकास, उत्पाद परीक्षणों, बाजार में प्रवेश और व्यावसायीकरण के प्रमाणीकरण को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 जनवरी, 2021 को स्टार्टअप इंडिया पहल के 5 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य को चिह्नित करने के लिए किए आयोजित हुए ‘प्रारंभ: स्टार्टअप इंडिया इंटरनेशनल समिट’ के भव्य संबोधन में की गई थी।
- पूरे भारतवर्ष में पात्र इनक्यूबेटरों के माध्यम से पात्र स्टार्टअप्स को बीज का वित्तपोषण प्रदान करने के लिए 945 करोड़ की राशि का विभाजन अगले 4 वर्षों में किया जाएगा।
- इस योजना में 300 इनक्यूबेटर के माध्यम से अनुमानित रूप से 3,600 स्टार्टअप्स को सहायता प्रदान करने की संभावना है।
- SISFS योजना, बीज वित्तपोषण, नवाचार प्रोत्साहन, परिवर्तनकारी विचारों का समर्थन, कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने और स्टार्टअप क्रांति की शुरूआत करने की दिशा में महत्वपूर्ण काम करेगी।
- इस योजना के माध्यम से, विशेष रूप से, भारत के द्वि-स्तरीय और त्रि-स्तरीय शहरों में एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा, जो शहर प्रायः आवश्यक धन से वंचित रह जाते हैं।
- स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना का निष्पादित और मॉनिटर करने के लिए, डीपीआईआईटी द्वारा एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति (Experts Advisory Committee: EAC) का गठन किया गया है।
- ईएसी द्वारा चयनित किए गए इनक्यूबेटरों को 5 करोड़ रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। चयनित इनक्यूबेटरों को उनके स्टार्टअप्स की अवधारणा की प्रमाणिकता या प्रोटोटाइप डेवलपमेंट या प्रॉडक्ट ट्रायल के सत्यापन के आधार पर, 20 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- इसके अलावा, बाजार में प्रवेश करने के लिए, व्यावसायीकरण या परिवर्तनीय डिबेंचर या ऋण से जुड़े उपकरणों के माध्यम से खुद को बढ़ावा देने के लिए उनके स्टार्टअप्स में 50 लाख रुपये तक का निवेश प्रदान किया जाएगा।