स्कीम फॉर फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (FME) को स्वीकृति

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 20 मई 2020 को 10,000 हजार करोड़ रूपए के परिव्यय के साथ अखिल भारतीय स्तर पर असंगठित क्षेत्र के लिए एक नई केन्द्र प्रायोजित “सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों को औपचारिक रूप देने की योजना (Scheme for Formalisation of Micro food processing Enterprises (FME) को स्वीकृति दी । इस व्यय को 60:40 के अनुपात में भारत सरकार और राज्यों के द्वारा साझा किया जाएगा।

योजना की विशेषताएं

केन्द्र प्रायोजित योजना के व्यय को 60:40 के अनुपात में भारत सरकार और राज्यों के द्वारा साझा किया जाएगा। स्कीम के तहत 2,00,000 सूक्ष्म-उद्यमों को ऋण से जुड़ी सब्सिडी के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी। योजना को 2020-21 से 2024-25 तक के लिए 5 वर्ष की अवधि हेतु कार्यान्वित किया जाएगा।

क्लस्टर दृष्टिकोण वाली इस योजना में शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। 10 लाख तक के लागत वाली वैध परियोजना के सूक्ष्म उद्यमों को 35 प्रतिशत की दर से ऋण से जुड़ी सब्सिडी मिलेगी। लाभार्थी का योगदान न्यनतम 10 प्रतिशत और ऋण का शेष होगा।

उद्देश्य

  • सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के द्वारा वित्त अधिगम्यता में वृद्धि
  • लक्ष्य उद्यमों के राजस्व में वृद्धि
  • खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों का अनुपालन
  • समर्थन प्रणालियों की क्षमता को सुदृढ़ बनाना
  • असंगठित क्षेत्र से औपचारिक क्षेत्र में पारगमन
  • महिला उद्यमियों और आकांक्षापूर्ण जिलों पर विशेष ध्यान
  • अपशिष्ट से धन अर्जन गतिविधियों को प्रोत्साहन
  • जनजातीय जिलों लघु वन उत्पाद पर ध्यान

Written by 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *